आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नई आबकारी नीति बनाने के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को संकेत दिया कि वह राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं। बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के हित में सभी कदम उठाएगी।
नई आबकारी नीति के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति या एक घर में महज छह लीटर शराब ही रखी जा सकेगी। अगर इससे अधिक मात्रा में शराब रखनी है तो आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि इस कदम से शराब की तस्करी पर रोक लगेगी और यह राज्य के हित में हैं। ये पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश को शराब मुक्त बनाने की योजना है, उन्होंने कहा कि हम जबरन कुछ नहीं कर सकते, लेकिन राज्य के हित के लिए जो भी होगा हम वह कदम उठाएंगे।
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बता दें कि पड़ोसी राज्य बिहार और गुजरात में भी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है। नई आबकारी नीति तहत अगर आप घर में तय मात्रा से ज्यादा शराब रखना चाहते हैं तो आपको यूपी सरकार के आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना पड़ेगा और आपको 12 हजार रुपये हर साल लाइसेंस के रूप में सरकार को देना होगा, यही नहीं सरकार को 51 हजार रुपये आबकारी विभाग को बतौर सिक्योरिटी देनी होगी।
वहीं होम लाइसेंस के लिए ऐसे लोग ही योग्य होंगे जो पिछले पांच साल से इनकम टैक्स भरते आए हैं। लाइसेंस के लिए आवेदन के समय इनकम टैक्स रिटर्न भरने की रसीद भी देनी होगी। साथ ही आवेदकों को अपने आवेदन के साथ पैन कार्ड आधार कार्ड की कॉपी भी जमा करनी होगी।