आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आज स्किल्ड युवा ही आत्मनिर्भर भारत की असली ताकत है और सरकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य है जहां 25 करोड़ की आबादी में 56 से 60 प्रतिशत लोग कामकाजी वर्ग से हैं। इन युवाओं को उनकी प्रतिभा के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ वर्षों में परंपरागत उद्यमों को पुनर्जीवित किया है। हमने स्केल को स्किल में बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय कौशल मेले और प्रदर्शनी का उद्घाटन कर कार्यक्रम को संबोधित कर कही। इस दौरान सीएम ने ये भी बताया कि वे कौन सी चीजें हैं जो युवाओं की प्रतिभा को और निखारने का काम कर रहीं हैं। साथ ही कहा कि प्रदेश सरकार दो करोड़ युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट उपलब्ध करवा रही है, जिनमें से 50 लाख युवा अब तक लाभान्वित हो चुके हैं।
इसके अलावा, टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को न्यू-एज टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा गया है, ताकि उद्योगों और बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। प्रदेश में 400 के करीब राजकीय और 3000 निजी आइटीआइ संचालित हैं, जहां न्यूनतम शुल्क पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। सरकार निजी आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप और अन्य प्रोत्साहन भी दे रही है। सीएम योगी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक युवा को उसकी रुचि और योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलें।
योगी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में कानून-व्यवस्था में सुधार और सरकार की सकारात्मक नीयत के कारण 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। ये निवेश लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित कर रहे हैं। उन्होंने उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों के बीच तालमेल को आवश्यक बताते हुए कहा कि इससे उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ और ‘मुख्यमंत्री विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से परंपरागत उद्यमों को पुनर्जीवित किया गया है।
यह भी पढ़ें- यूपी में बौद्ध-सिख श्रद्धालुओं के लिए शुरू होगी तीर्थयात्रा योजना, सीएम योगी ने दिया अफसरों को निर्देश
उन्होंने बताया कि ओडीओपी के तहत डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है, जबकि विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख से अधिक हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रशिक्षण और टूलकिट प्रदान किए गए हैं। इन योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस दौरान कार्यक्रम में व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री कपिल देव अग्रवाल, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम राज्यमंत्री मन्नू कोरी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।




















