कोडीन कफ सिरप कांड: बर्खास्‍त सिपाही आलोक सिंह की आलीशान कोठी समेत ED ने की 25 ठिकानों पर छापेमारी

कोडीन कफ सिरप
आलोक सिंह की कोठी पर छापेमारी करती ईडी की टीम।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में जानलेवा कोडीन कफ सिरप की अवैध तस्करी से जुड़े विशाल सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच करते हुए ईडी की टीमों ने लखनऊ, वाराणसी, रांची, अहमदाबाद, जौनपुर व सहारनपुर समेत छह शहरों में सिंडिकेट से जुड़े 25 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। ये कार्रवाई अवैध कारोबार से अर्जित एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच पर केंद्रित है।

लखनऊ में ईडी की टीम ने आलोक सिंह की आलीशान कोठी पर भी छापेमारी की है। जहां से संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किए गए। आलोक सिंह एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही और पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी है।
सूत्रों के मुताबिक आलोक की कोठी से कई संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डिवाइस और कथित हवाला एंट्रीज से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं। इन कागजात को जब्त कर लिया गया है। आलोक का घर सुशांत गोल्फ सिटी में है।

वहीं सहारनपुर  के शास्त्री नगर में सिरप तस्करी मामले के आरोपी राणा बंधु विभोर और विशाल के घर पर छापेमारी चल हुई। इस केस में सबसे पहले दोनों भाइयों की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद प्रदेशभर में छापेमारी शुरू हुई। दोनों ने एबॉट प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म बनाई थी। विभोर राणा श्रीराम सेवा का राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा नेता है।

जबकि वाराणसी में सरगना शुभम जायसवाल और उसके सहयोगियों के घर छापेमारी की गई। सरगना शुभम जायसवाल दुबई में छिपा है। इस अवैध कारोबार के नेटवर्क में शामिल छह बड़े चेहरे और 68 अन्य गिरफ्तारियां हुई हैं। दो दिसंबर को मामले में ईडी की एंट्री हुई। मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच चल रही है। एजेंसी के निशाने पर 50 आरोपित हैं।

जांच एजेंसी को आशंका है कि इस अवैध कारोबार से अर्जित अवैध धन का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने, फर्जी बिलिंग के माध्यम से लाभ को छिपाने और शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।

इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल बताया जाता है, जो फिलहाल दुबई फरार है। ईडी की छापेमारी शुभम के सहयोगियों, आपूर्तिकर्ता फार्मा कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकानों पर केंद्रित है।

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आलोक सिंह को हाल ही में यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसके तार पूर्वांचल के कुछ बाहुबली नेताओं से जुड़े होने की बात भी सामने आई है। इस अवैध व्यापार को राजनीतिक संरक्षण मिलने की आशंका के चलते यह मामला और भी गंभीर हो गया है। आलोक सिंह को पहले भी एक सोना लूटकांड में आरोपित बनाया गया था और 2019 में उसे एसटीएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।

इससे पता चलता है कि अवैध कफ सिरप की आपूर्ति श्रृंखला और वित्तीय लेनदेन के तार इन सभी स्थानों से जुड़े थे। जांच एजेंसियों ने इस सिंडिकेट द्वारा नेपाल और बांग्लादेश तक कफ सिरप की तस्करी किए जाने के सबूत पाए हैं। मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह सहित अब तक 32 से अधिक लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

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