आरयू वेब टीम। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आप और भाजपा के घोषणा पत्र जारी करने के बाद रविवार को कांग्रेस ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि अगर वह सत्ता में आई शिक्षित बेरोजगारों को 7500 रुपये तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा और उपभोक्ताओं को बिजली और पानी के लिए कैश बैक दिया जाएगा। इस मौके पर दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के अलावा वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और अजय माकन भी मौजूद थे।
वहीं कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लोकपाल एवं भागीदारी, महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण, दलित और आदिवासी, शिक्षा, बिजली और पानी आपूर्ति, रोजगार समेत समेत 20 बिंदुओं पर वादे किए गए हैं। घोषणापत्र जारी करते हुए सुभाष चौपड़ा ने कहा कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत ग्रेजुएट बेरोजगारों को 5000 रुपये और पोस्ट ग्रेजुएट को 7500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
कांग्रेस ने बिजली और पानी पर उपभोक्ताओ को राहत देने के लिए कैशबैक देने की घोषणा की है। यानी उन्हें सस्ती बिजली मिलने के बजाय उनके खाते में राहत दी जाएगी। इससे संसाधनों की बचत होगी। वैसे कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। बजट की 25 फीसदी राशि प्रदूषण पर अंकुश लगाने और परिवहन सुविधाएं सुधारने के लिए खर्च की जाएगी।
यह भी पढ़ें- राजस्थान में कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, किसान पेंशन, बेरोजगारी भत्ता सहित किए ये वादें
साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में दिल्ली में सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 100 इंदिरा कैंटीन खोलने और दिल्ली को झुग्गी मुक्त बनाने जैसे वादे किए। इसके अलावा पार्टी ने दिल्ली में लाड़ली योजना को फिर से पूरी तरह लागू करने और सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में छात्राओं की शिक्षा नर्सरी से पीएचडी तक मुफ्त करने की घोषणा की है।
वहीं कांग्रेस ने कहा कि वर्ष में एक बार सभी महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच सुविधा होगी। आवाज उठाओ कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें महिलाओं से संबंधित समस्याओं का निपटारा तुरंत किया जाएगा। जेंडर रिसोर्स सेंटर और 181 हेल्पलाइन फिर से शुरू होगी। दिल्ली में 100 सेंटर खोले जाएंगे। इनमें केवल महिला कर्मचारियों को भर्ती किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- #CongressManifesto2019: कांग्रेस का जन आवाज घोषणा पत्र जारी कर राहुल ने कहा गरीबी पर वार 72 हजार, जानें खास बातें
झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले सभी छात्रों को शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाएगी। आर्थिक तौर पर पिछड़े परिवारों के छात्रों के लिए कम शुल्क पर कोचिंग की सुविधा दी जाएगी।सभी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा। होमी भाभा रिसर्च फंड बनाया जाएगा जिसमें पांच साल में 1000 करोड़ रु. आवंटित होंगे।
जबकि कांग्रेस ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और मौजूदा स्वरूप में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं किया जाएगा। पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।