आरयू ब्यूरो, लखनऊ। देशभर में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश के 12 राज्यों तक डेल्टा प्लस वैरिएंट पहुंच चुका है। इसको लेकर योगी सरकार अलर्ट हो गई है। साथ अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए है।
रविवार को अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जो लोग कोरोना डेल्टा प्लस वाले राज्यों से उत्तर प्रदेश आ रहे हैं उनकी जांच की जाए। अपर मुख्य सचिव सूचना ने बताया कि कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा गंभीर संक्रमण है। डेल्टा प्लस के लिए सावधानियां बरतना बहुत जरूरी हैं।
नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जो लोग कोरोना डेल्टा प्लस वाले राज्यों से उत्तर प्रदेश आ रहे हैं उनकी जांच की जाए। साल ही प्रदेश सरकार द्वारा रोज कमाने वाले लोग रेहड़ी पटरी आदि हर परिवार को प्रति माह 1,000 रुपए दिए जा रहे हैं। जल्द ही 6,900 से अधिक अध्यपकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि रिक्त पदों को जल्द से भरने की कार्यवाही करें।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के अबतक 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले सामने आ गए हैं, जिसमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं। मध्य प्रदेश में दो और महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा तमिलनाडु में नौ, मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मरीज मिले हैं।
पिछले तीन महीने के दौरान 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोरा ने कहा कि हालांकि डेल्टा प्लस वैरिएंट से फेफड़ो को नुकसान पहुंचता है, इसका कोई प्रमाण नहीं है।