आरयू वेब टीम। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कफ सिरप पीने के बाद हुई मौतों पर संज्ञान लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने सवाल पूछा है कि जिस कफ सिरप का संबंध बच्चों की मौत से है, वो कितने देशों को एक्सपोर्ट की गई थी। डब्लूएचओ के एक अधिकारी ने बताया भारत से जवाब आने के बाद इस कफ सिरप को लेकर पूरी दुनिया में अलर्ट जारी किया जाएगा। साथ ही डब्लूएचओ ने भारत में कफ सिरप के कारण हुई मौतों पर चिंता भी जताई है।
संगठन का कहना है कि वह इन दुखद घटनाओं की गंभीरता को समझता है और जांच में सहयोग देने के लिए तैयार है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत में दवा के लिए जरूरी टेस्ट में कमी है। इस बीच सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन ने इस बात की पुष्टि की है कि उत्पाद को किसी अन्य देश को निर्यात नहीं किया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूछा है कि बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की भारत में निगरानी कैसे होती है। डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार को ईमेल भेजकर जानकारी मागी है।
डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकर पूछा कि…
भारत जब कफ सिरप निर्यात में अग्रणी देश है, तो क्या निर्यात से पहले और बाद में गुणवत्ता जांच प्रणाली मजबूत है?
मध्य प्रदेश जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
भारत की फार्माकोविजिलेंस प्रणाली (दवा निगरानी व्यवस्था) कितनी प्रभावी है?
क्या भारत में भी संक्रमित दवाओं की सार्वजनिक रिकॉल ड्राइव (दूषित दवा वापस लेने की मुहिम) चलाई गई है, जैसी अमेरिका ने 1937 में की थी?
डब्लूएचओ ने ईमेल में स्पष्ट किया है कि कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) की पहचान आसान नहीं होती और इसकी पुष्टि में कई महीने लग सकते हैं। यह रसायन सामान्य तौर पर एंटी-फ्रीज एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, पर जब यह दवाओं में मिल जाता है तो किडनी फेल होने, लकवा और मौत तक का कारण बन सकता है। गांबिया में मौतों के छह महीने बाद डीईजी की पुष्टि हुई थी।
कंपनी मालिक गिरफ्तार
रिपोर्ट्स के अनुसार सिरप को पीने के बाद अब तक 20 बच्चों की जान जा चुकी है। केरल और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों ने भी इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच मध्य प्रदेश पुलिस ने कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जहरीली दवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। मध्य प्रदेश पुलिस की एसआइटी ने रंगनाथन को चेन्नई गिरफ्तार किया है।
बता दें कि, इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2023 में गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में एक कफ सिरप पीने के बाद 140 बच्चों की मौत हो गई थी। इन सभी मौतों में इस्तेमाल हुई कफ सिरप का लिंक भारत से होने की बात सामने आई थी। इसके बाद सरकार ने 18 दिसंबर, 2023 को एक आदेश जारी किया था। सरकार ने कहा था कि भारत से एक्सपोर्ट की जाने वाली हर कफ सिरफ की पहले सरकार द्वारा प्रमाणित लैब्स में टेस्टिंग होगी, साथ ही क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी 2एमजी और फिनाइलेफ्राइन एचसीएल आईपी 5एमजी ड्रॉप प्रति मिली लीटर, फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) का इस्तेमाल चार साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- भारत पहुंचा चीन का HMPV वायरस, मचा हड़कंप, एडवाइजरी जारी