आरयू वेब टीम। खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार ‘रिपब्लिक टीवी’ के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को अलीबाग कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अर्नब के साथ दो अन्य आरोपी 18 नवंबर तक हिरासत में रहेंगे। कोर्ट ने गोस्वामी का वो आरोप भी खारिज कर दिया, जिसमें वो कह रहे थे कि पुलिस ने उनके साथ जोर-जबरदस्ती की है।
वहीं सुनवाई के दौर कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को अंदर फोन का उपयोग करने और कार्यवाही का लाइव प्रसारण करने पर फटकार लगाई। पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। गोस्वामी को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद उनके वकील आबाद पोंडा और गौरव पारकर ने जमानत के लिए याचिका दाखिल की है।
बता दें कि इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार की सुबह गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बाद में महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित मारपीट करने के आरोप में एक और एफआइआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि बुधवार की सुबह जब उनके निवास पर पुलिस के पहुंचने पर उन्होंने कथित तौर पर महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की। गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 504 और 34 के तहत एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
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अर्नब गोस्वामी को 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया गया गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी की। पत्रकार को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है दरअसल वह साल 2018 का है।
साल 2018 के मई महीने में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक औऱ उनकी मां कुमुद नाईक ने अलीबाग के अपने घर मे खुदकुशी की थी। मरने के पहले अन्वय ने सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए अर्नब गोस्वामी को जिम्मेदार ठहराया था।