आरयू वेब टीम। पान के पत्ते प्राचीन काल में घाव, कटने, चकत्ते या स्किन से जुड़ी समस्या पर प्रयोग किए जाते थे। आयुर्वेद में भी पान के पत्तों काे बहुत उपयोगी माना गया है। पान के पत्तों का ताजे रस से न केवल फुंसी, दर्द और रक्तस्राव को रोका जा सकता है, बल्की ये ब्यूटी से जुड़ी कई और समस्याओं पर बहुत चमत्कारिक तरीके से काम करते हैं।
हबर्ल क्रीम में भी पान के पत्ते का अर्क डाला जाता है, क्योंकि ये स्किन से जुड़ी तमाम समस्याओं पर बहुत असर करता है। पान के पत्ते में आयोडीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन बी2 और निकोटिनिक एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
एंटी एजिंग में फायदेमंद
पान के पत्ते के अर्क में एंटीएजिंग प्रभाव होता है। यह प्रभाव एजिंग की समस्या के कारण त्वचा पर पड़ने वाले फाइन लाइन्स, झुर्रियों और आंखों के पास एजिंग इफेक्ट के साथ स्किन में लचीलापन लाता है।
मुंहासों के बैक्टीरिया का करे खातमा
मुंहासे बैक्टीरिया के कारण होते हैं और इस पर पान के पत्तों का पेस्ट लगाया जाए तो बैक्टिरिया के बढ़ना रोका जा सकता है। प्रोपियोनि बैक्टीरियम एक्ने की समस्या होती है। मुंहासे में मवाद, खुजली और दर्द हो तो पान के पत्ते का पेस्ट या उसक अर्क लगाएं। पान के पत्तों के अर्क में एंटी बैक्टीरियल प्रभाव सारी समस्या को दूर करेगा।
डार्क स्पॉट
पान के पत्तों के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है और यही कारण है कि ये घाव को भरने, सूजन कम करने के साथ डार्क स्पॉट्स में भी बहुत प्रभावी होता है। पान के पत्ते के अर्क में स्किन लाइटनिंग का गुण भी होता है। इसलिए ये डार्क स्पॉट को कम करने के साथ स्किन की टैनिंग और सांवलेपन को भी दूर करते हैं।
स्किन डिजीज
खुजली, जलन, फुंसी और दर्द और चकत्तों पर भी पान के पत्तों का पेस्ट बहुत काम आते हैं। कटने-छिलने या चोट पर भी इसे लगाना फायदेमंद होता है।
फंगल इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा
पान के पत्तों में एंटी माइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक प्रभाव होते हैं।, इसलिए ये दाद-फंगल इंफेक्शन या चकत्तों पर बहुत काम आते हैं। पान के दस पत्तों को उबालें और इस पानी से नहाएं।
स्किन व्हाइटनिंग प्रभाव
बेदाग और चमती त्वचा के लिए भी पान के पत्ते का उपयोग लाभदायक हो सकता है। पान के पत्ते में स्किन लाइटनिंग प्रभाव होता है। इससे त्वचा की रंगत को निखारने के साथ ही इसे चमकदार और बेदाग बनाने में मदद मिल सकती है।
सूजन दूर कने वाले
पान के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है और इसके पत्तों में मौजदू फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स सूजन की समस्या में लाभदायक होते हैं। मुहांसे में सूजन हो, या शरीर में। हर तरह की सूजन में काम आता है।