आरयू वेब टीम। विपक्ष के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के नाम के शॉर्ट फॉर्म के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसपर दिल्ली उच्च न्यायालय ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के नाम के उपयोग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, अगले लोकसभा चुनाव में अनुचित लाभ के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम इंडिया पर रखा गया है।
वहीं हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग समेत विपक्षी दलों को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश नहीं दे सकते। अब इस मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
याचिकाकर्ता गिरीश भारद्वाज ने कहा, कई राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगों के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो कि निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक और रणनीतिक कदम है।
गिरीश भारद्वाज ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में अनुचित लाभ पाने के लिए विपक्षी दलों ने यह नाम रखा है। गिरीश भारद्वाज ने चुनाव आयोग को भी इस संबंध में शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट का रुख किया।
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साथ ही अपने पक्ष में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयानों का हवाला दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया पर रखा है, जिससे जनता के मन में भ्रम पैदा हो गया है। राहुल गांधी ने भी कहा था कि आगामी चुनाव एनडीए और इंडिया के बीच लड़ा जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि इंडिया नाम रखने से राजनीतिक दलों के बीच नफरत पैदा हो सकती है और राजनीतिक हिंसा फैलने की आशंका है।