आरयू वेब टीम।
मध्य प्रदेश में आज जेल से फरार सिमी के आठ आतंकियों के एनकाउंटर पर विभिन्न राजनैतिक पाटिर्यों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि आतंकी सरकारी जेल से भागे थे या फिर किसी योजना के तहत उन्हें भगाया गया। यह जांच का विषय होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहाकि सिमी और बजरंग दल पर मैनें प्रतिबंध लगाने की सिफारिश तत्कालीन एनडीए सरकार से की थी। उन्होंने सिमी पर तो लगा दिया लेकिन बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाया। दोनों मिलकर दंगे कराते हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) की नेता अल्का लांबा ने कहा हैं कि आठ आतंकियों का भाग जाना और फिर एनकाउंटर में एक साथ मारे जाना। इसके लिए मध्य प्रदेश के पास व्यापंम फार्मूला है।
ओवैसी ने कहा तर्कसंगत व्यक्ति के गले नहीं उतर सकती एनकाउंटर की बात
एआइएमआइएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सिमी आतंकियों के एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुआई में कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमपी के गृहमंत्री और पुलिस के बयान तर्कसंगत व्यक्ति के गले कभी नहीं उतर सकते। उन्होंने पूरी घटना को बेहद चौंकाने वाली बताने के साथ ही कहा कि यह हैरान करने वाला है कि जेल से भागते हुए इन विचाराधीन कैदियों ने पूरे कपड़े, जूते, बेल्ट, घडि़यां और यहां तक की कलाई पर बैंड तक पहन रखे थे। जबकि विचाराधीन कैदियों को ये सब वस्तुएं जेल में दी ही नहीं जाती हैं। जांच होने पर ही पता चल सकता हैं कि उनके पास यह सब चीजे कहां से आई। इसके अलावा भी कई अन्य नेताओं व विभिन्न प्रकार की संस्थाओं ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं।