आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा बुलंद कर सत्ता में आयी योगी सरकार ने पहली बार मनमानी और भ्रष्टाचार के मामले में आइएएस अफसरों पर शिकंजा कसा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बेहद सख्त रूख अपनाते हुए एक साथ दो जिलाधिकारियों को निलंबित कर दिया है। योगी की इस कार्रवाई से मनमानी और भ्रष्टचार में लिप्त निकम्मे अफसरों में हड़कंप मच गया है।
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सीएम ने सख्ती दिखाते हुए गोण्डा के जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह और फतेहपुर के डीएम कुमार प्रशांत को निलंबित कर दिया है। जेबी सिंह पर आरोप हैं कि गोण्डा में खाद्यान्न में बड़ी गड़बड़ी हुई और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में शासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। वहीं फतेहपुर के डीएम कुमार प्रशांत को सरकारी जमीन किसी निजी व्यक्ति को गलत तरीके से आवंटित करने का आरोप है।
सत्ता के लोगों की भी नहीं थे सुनते
वहीं सूत्र बताते हैं कि दोनों ही जिलाधिकारी लगातार मनमानी कर रहे थे। आम जनता के अलावा भाजपा से जुड़े लोगों की भी सुनवाई नहीं करते थे। इसको लेकर भी भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। उन्होंने इसकी शिकायत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय और प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल समेत अन्य बड़े नेताओं से की थी।
लोकसभा के चुनाव में होता नुकसान!
स्थानीय नेता व कार्यकर्ताओं का आरोप था कि दोनों ही जिलाधिकारी आम जनता से जुड़े सही कामों को करने में भी टालमटोल कर रहें हैं, जिसके चलते भाजपा की जनता में गलत इमेज बन रही है। वहीं अपने वैध कामों के भी नहीं होने पर जनता नाराज हो गयी तो अगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका भारी खामियाज उठाना पड़ सकता है।