आरयू वेब टीम। देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस वायरस की चपेट में आने से बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायक जे अंबाजगन का निधन हो गया है। डीएमके विधायक एक हफ्ते पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। चेन्नई के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां बुधवार सुबह उनका निधन हो गया।
जे. अंबाजगन का निधन उनके 62वें जन्मदिन पर हुआ है। अंबाजगन चेन्नई पश्चिम जिले में डीएमके सेक्रेटरी भी थे। कोरोना वायरस से किसी जन-प्रतिनिधि की मौत का ये देश में पहला मामला है। बीते मंगलवार को सांस लेने में दिक्कत और जुकाम-बुखार की शिकायत के बाद डीएमके विधायक अंबाजगन का कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से ही वह चेन्नई के डॉ. रेला इंस्टीट्यूट एंड मेडिकल सेंटर में भर्ती थे। 62 साल के विधायक को किडनी से जुड़ी बीमारी भी थी।
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हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. इलनकुमार कलियामूर्ति के मुताबिक, विधायक की हालात सोमवार शाम से बिगड़ गई थी। उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट (आइसीयू) में शिफ्ट किया गया था। गौरतलब है कि तमिलनाडु में विधायक की मौत का पहला मामला सामने आया है।
बीते शुक्रवार को डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने अंबाजगन से मिलने के लिए गए थे। वे चेपक-ट्रिप्लिकेन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उन्होंने लॉकडाउन अवधि में राहत कार्यों में सक्रियता से हिस्सा लिया था। उनकी स्वास्थ्य स्थिति 15 साल पहले हुए लीवर प्रत्यारोपण की वजह से चुनौतीपूर्ण बन गई थी।
अंबाजगन पारंपरिक डीएमके परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता जयरमन भी डीएमके कार्यकर्ता थे। कुछ दिनों पहले स्टालिन ने उन्हें याद करते हुए बताया था कि कैसे आपातकाल के दौरान विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा था कि अंबाजगन ने पार्टी के लिए अपने पिता से ज्यादा काम किया। अंबाजगन करुणानिधि और उनके बेटे एमके स्टालिन के करीबी थे। उन्हें चेन्नई में पार्टी चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता था।