आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों में असंतोष की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने विधानसभा स्थित पारिजात सभागार में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी करीब दर्जनभर समस्याओं को जाना।
शिक्षक संघों की विभिन्न मांगों को जानने के बाद डिप्टी सीएम ने संगठनों के नेताओं को आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षक संवर्ग) सेवा नियमावली, 1992 में समूह ‘क’ के पदों पर पदोन्नति के लिए 17 प्रतिशत निरीक्षण शाखा के अधिकारियों से पदोन्नति समाप्त करने के लिए नियमावली में संशोधन पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने शिक्षक संघों को भरोसा दिलाया कि उत्तराखण्ड से पारस्परिक सहमति से स्थानान्तरित शिक्षकों की ज्येष्ठता निर्धारण पर उदारतापूर्वक विचार किया जाएगा। साथ ही उप मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षकों की शिकायतों के निस्तारण हेतु निदेशक माध्यमिक शिक्षा को निर्देश दिया कि विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी कर, शिक्षकों को अपनी समस्याओं को रखे जाने हेतु जागरूक करते हुए 15 सितम्बर तक आवेदन प्राप्त करें। जिसके बाद एक माह के अंदर उनका निस्तारण किया जाय।
इसके अलावा उप मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षकों के अवकाश यथा एनओसी, बाल देख-भाल अवकाश, मातृत्व अवकाश जैसे सामान्य प्रकरणों में निर्णय लेने का स्तर जिला एवं मण्डल स्तरीय अधिकारियों को प्रतिनिधानित किये जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही दिनेश शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन राजकीय विद्यालयों की गुणवत्ता आदि का निरीक्षण सक्षम अधिकारियों द्वारा करने के साथ ही गुणवत्ता की जांच यथा आवश्यक थर्ड पार्टी से भी कराया जाय। निर्माणाधीन भवनों के गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा दिनेश शर्मा ने विभाग के कामों और जिम्मेदारियों के निर्धारण के लिए सिटीजन चार्टर बनाये जाने के निर्देश दिए, जिससे विभागीय कार्य एवं सेवायें एक निश्चित समयावधि में पूर्ण किया जा सके। उन्होंने माध्यमिक व्यवसायिक शिक्षक संघ की मांग पर कहा कि अतिथि विषय विशेषज्ञ (व्यवसायिक शिक्षक) की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा विचारोपरान्त यथोचित निर्णय लिया जायेगा।
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व्यवसायिक शिक्षा के छात्रों को आइटीआइ की समकक्षता प्रदान किये जाने के लिए व्यवसायिक शिक्षा एंव कौशल विकास मिशन से अनुश्रवण किये जाने, माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों को स्किल इण्डिया केन्द्र घोषित किये जाने हेतु व्यवसायिक शिक्षा एंव कौशल विकास मिशन को प्रस्ताव प्रेरिषत करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। वहीं डिप्टी सीएम ने व्यवसायिक शिक्षकों को परिषदीय परीक्षा एवं मूल्याकंन कार्य हेतु उन्हें देय मानदेय में कटौती नहीं किये जाने पर विचार किये जाने का भी आश्वसन दिया।
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बैठक में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा आर. रमेश, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा वीके पाण्डेय, संयुक्त सचिव जयशंकर दूबे सहित कई अधिकारी व राजकीय शिक्षक संघ (पारस नाथ पाण्डेय और सुनील भड़ाना गुट) तथा माध्यमिक व्यवसायिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी मौजूद रहें।