आरयू वेब टीम। देश में कोरोना वायरस के साथ मौसमी इंफ्लूएंजा के बढ़ते मामलों के बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स ने फ्लू वैक्सीन ड्राइव पर जोर देने की बात कही है। साथ ही एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के तेजी से फैलने के बारे में चेतावनी देते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि लोगों को फेस मास्क का उपयोग करने और लगातार हाथ सैनिटाइज करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए।
वहीं डॉ. रणदीप गुलेरिया ने राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि या तो लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन कर सकते हैं या फिर वैक्सीन ले सकते हैं. डॉ. रणदीप गुलेरिया नागपुर में एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एएमएस) की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे। इस बीच यह पूछे जाने पर कि क्या मास्क को फिर से अनिवार्य किया जाना चाहिए, डॉ गुलेरिया ने कहा कि मास्क का उपयोग करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये एक छोटी बूंद का संक्रमण है और खांसी से फैलता है।
उन्होंने आगे कहा कि कभी-कभी बच्चे स्कूलों में संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं और इसे उन बुजुर्गों को दे देते हैं जो अधिक गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं, इसलिए हमें मास्क पहनना चाहिए, नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए और सामाजिक दूरी भी बनाए रखनी चाहिए। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि दूसरा विकल्प उच्च जोखिम वाले समूह को अलग रखना है।
जैसे कि बुजुर्ग और अन्य बीमार लोगों को अलग-थलग करना और सभी के लिए टीकाकरण पर जोर देना। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैब हर साल एक नए टीके के रूप में आता है और ये टीका इन्फ्लूएंजा ए और बी और उनके सबटाइप को भी कवर करता है। वहीं इन्फ्लूएंजा की लहर एक वार्षिक घटना है, लेकिन इस साल कई कारणों से संक्रामकता अधिक है। इन्फ्लुएंजा ए सबटाइप एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) 2009 में प्रमुख वायरस था।
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अब हम एच3एन2 देख रहे हैं, ये इन्फ्लूएंजा ए का एक सबटाइप है। ये पहले भी सामने आया था, लेकिन इस बार इसमें एक अलग जीन है और इसलिए अधिक संक्रामक है। हम कोविड-उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन कर रहे हैं जो सभी सांस की बीमारियों पर लागू होता है, लेकिन लोग अब न तो मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही हाथों की स्वच्छता बनाए रख रहे हैं।