आरयू ब्यूरो, लखनऊ। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन समारोह में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित कर सीएम ने कहा कि आज युवाओं के सामने सबसे बड़ी दो चुनौतियां हैं। एक ड्रग और दूसरा स्मार्टफोन। दोनों की लत युवाओं को बर्बाद कर सकती है। दोनों नशा से बचिए ,जितना इससे बचेंगे उतना खुद को बचा पाएंगे। तभी देश के भविष्य को बचा पाएंगे।
योगी ने कहा कि आज एकेडमिक संस्थाओं को नशा माफियाओं से अत्यधिक सतर्क रहना होगा। युवा हमारे देश का भविष्य हैं, हर कीमत पर उनकी सुरक्षा हमारा दायित्व है। युवाओं को भी इसके लिए तैयार करना होगा। योगी ने सलाह दी कि ड्रग्स और मोबाइल दोनों ही स्लो पॉइजन हैं, दोनो धीरे धीरे शरीर में घुलते हैं और बर्बाद कर देते हैं। स्मार्ट फोन पर जो ज्यादा समय बिताते हैं, उसे धीरे-धीरे कम करिए। जब जरूरी हो तभी इसका इस्तेमाल करिए। ये बुद्धि, विवेक और शारीरिक क्षमता को कम कर देगा। इससे जितना बच सकते हैं, बचने का प्रयास करना चाहिए।
साथ ही कहा कि आज विश्व एआइ के नए युग में प्रवेश कर चुकी है। हममें से कोई खुद को इससे अलग नहीं कर सकता। इस मानसिकता से उबरना होगा कि तकनीकी आएगी तो रोजगार के अवसर खत्म होंगे। तकनीक आएगी तो रोजगार के नए अवसर जुड़ेंगे। हमें उसके लिए खुद को तैयार करना होगा।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना दस दिसंबर 1932 को हुई थी। महंत दिग्विजयनाथ ने इस संस्था की नींव रखी थी। 1930-31 के आसपास ऐसी स्थिति आयी कि उनके स्कूली गुरु, जहां वह पढ़ाते थे वहां से निकाल दिया गया। जानकारी होने पर अपने गुरु के लिए उन्होंने जिस स्कूल की नींव रखी और महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज था। आज महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के रूप में वटवृक्ष की तरह हमारे सामने है।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम परिसर में आयोजित कार्यक्रम के सीएम योगी के साथ मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।




















