आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अपहरण के बाद आतंकियों के हाथों शहीद होने वाले सेना के जवान औरंगजेब के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ शनिवार को अंतिम विदाई दी गई।
शहीद जवान का पार्थिव शरीर दोपहर करीब एक बजे पुंछ के सलानी गांव लाया गया था। इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ औरंगजेब के अंतिम दर्शन के लिए गांव में उमड़ी। औरंगजेब को विदाई देने वाले हर किसी की आंखों में आंसू थे।
अंतिम दर्शन के दौरान शहीद जवान के सम्मान में ‘शहीद औरंगजेब अमर रहें’ के लोगों ने नारे लगाए। इस दौरान सेना के अफसर और जवान भी अपने साथी को अंतिम विदाई लेने के लिए उनके गांव पहुंचे थे।
मातम में बदली ईद की खुशियां
बताते चलें कि गुरुवार को औरंगजेब का आतंकियों ने उस समय अपहरण कर लिया था जब वह छुट्टी लेकर ईद मनाने अपने घर पुंछ आ रहे थे। परिजनों ने सोचा था कि औंरगजेब के साथ ईद की खुशियां दुगनी हो जाएंगी। हालांकि उन्हें ये नहीं पता था कि ईद ही के दिन औरंगजेब को आखिरी विदाई देनी होगी। ये सोचकर जहां उनके घरवालों के आंसू नहीं रूक रहे थे वहीं, हर कोई इस बात से गमजदा भी रहा।
जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के राइफलमैन औरंगजेब फिलहाल शोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। गुरुवार को अपहरण के बाद शाम को उनका गोलियों से छलनी शव पुलिस और सेना के संयुक्त दल को कालम्पोरा से करीब दस किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला। उनके सिर के साथ ही गर्दन पर भी गोलियों के निशान थे।
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