आरयू वेब टीम।
अगर आपने होशियारी दिखाते हुए अपने काले धन को दूसरे के खातों में जमा किया है, तो सावधान हो जाइयें देश में छिपी ब्लैक मनी के पीछे पड़ी सरकार ने नई तरकीब लगानी शुरू कर दी है। आयकर विभाग एक टूल के माध्यम से आगे चलकर ऐसे लोगों पर शिकंजा कसेगा जिन्होंने रिश्तेदार व परिचितों के बैंक खातों में ढाई लाख से भी कम की राशि जमी की है। इसके साथ ही जनधन खातों में प्रतिबंधित हजार और पांच सौ के नोट के जरिए पचास हजार से ज्यादा जमा कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 500 और 1000 रुपये के नोट देशभर में बैन होने के बाद लोगों ने अपनी अघोषित रकम बैंकों में जमा कराई है। ज्यादातर खाताधारकों ने अपनी जगह दोस्तों व रिश्तेदारों के खातों में प्रतिबंधित नोट जमा कराए है। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि जमा रकम ढाई लाख से ज्यादा न हो। इसके अलावा जनधन खातों का भी दुरूपयोग किया गया है।
डेटा ऐनालिटिक्स टूल की मद्द से आयकर विभाग कसेगा शिकंजा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे खातों के बारे में पता लगाने के लिए बिग डेटा ऐनालिटिक्स टूल का इस्तेमाल करने जा रही है। इसके जरिये बड़े पैमाने पर यह पता लगाया जा सकता है कि नोटबंदी से पहले इस प्रकार के खातों की स्थिति क्या थी।
नील या लगभग निष्क्रिय पड़े रहने वालों खातों में अचानक पैसा कहां से आया। इसके बाद आयकर विभाग खाताधारकों के बीते वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न की स्थिति चेक करेगी। इस टूल का इस्तेमाल दुनिया के कई देश टैक्स की गड़बड़ी पकड़ने के लिए करते है।
अशंका जताई जा रही है कि जल्द ही आयकर विभाग कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स के डेटा जुटाकर टूल की मद्द से उनका मिलना करेगा। हालांकि भारत सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स रिपोर्टिंग के कुछ मामलों में बिग डेटा का इस्तेमाल पहले भी किया है, लेकिन यह पहला मौका होगा जब पर्सनल टैक्स के मामलों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
इस जांच से वह लोग भी बाहर नहीं होंगे जिन्होंने डिक्लरेशन दी है। फिलहाल आयकर विभाग इसको बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।