आरयू रिर्पोटर
लखनऊ। आलमबाग के टेढ़ी पुलिया इलाके में आरपीएफ के 23 वर्षीय सिपाही ने पत्नी की हत्या के बाद खुद भी मौत को गले लगा लिया। जानलेवा कदम उठाने से पहले युवक ने अपने पिता को मैसेज कर माफी मांगने के साथ ही जान लेना और देने की बात कही। बिजनौर जनपद में रहने वाले पिता से सूचना पाकर मौके पर पहुंची आलमबाद पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो उसके होश उड़ गए। फर्श पर 20 वर्षीय विवाहिता का शव पड़ा था। उसके गले व सीने पर चाकू से करीब आधा दर्जन वार किए गए थे। पास में ही खून से सना चाकू भी पड़ा था। जबकि सिपाही की लाश पंखे के सहारे लटक रही थी। पुलिस ने घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को देने के साथ ही शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घरेलु कलह, दहेज प्रताड़ना समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच कर रही है।
सात महीने पहले हुई थी शादी
बिजनौर जनपद के किशनपुर निवासी वेद प्रकाश के बेटे पुष्पेन्द्र सिंह का विवाह इसी वर्ष 10 मार्च को अकबरपुर टांडा के काशीपुरा निवासी चेतराम सिंह की बेटी प्रियंका से हुआ था। लखनऊ में तैनाती के चलते पुष्पेन्द्र प्रियंका के साथ टेढ़ी पुलिया के समीप सरकारी आवास में रहता था। इंस्पेक्टर आलमबाद ने बताया शनिवार की शाम छह बजे पुष्पेन्द्र ने पिता को फोन कर दिवाली पर घर आने की बात कही। दोबार उसने आठ बजे कॉल कर बताया पत्नी आने को नहीं तैयार है, इसलिए वह भी नहीं आ पाएगा। देर रात उसने पिता के मोबाइल पर मैसेज किया कि पापा मुझे माफ कर दीजिएगा, अब न मैं जिंदा रहूंगा और न वह जिंदा रहेगी। कुछ देर बाद वेद प्रकाश ने मैसेज देख बेटे से संपर्क करना चाहा, लेकिन बात नहीं हो सकी। जिसके बाद उन्होंने आरपीएफ व लखनऊ पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना पाकर आलमबाग पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को मौके से कोई नोट नहीं मिला है।
लड़की का भाई बोला दहेज में 11 लाख नकद और कार की मांग ने सब तबाह कर दिया
रविवार की दोपहर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे प्रियंका के भाई लोकेश ने कहा कि ससुराल वाले दहेज में 11 लाख नकद के साथ ही कार की मांग कर रहे थे। जिसकी वजह से प्रियंका को प्रताडि़त भी किया जाता था। यही कारण हैं कि वह ससुराल नहीं जाना चाहती थी। इसके अलावा पति-पत्नी के बीच काफी प्रेम था। दहेज प्रताड़ना के बारे में फिलहाल ससुरालवालों ने थाने में शिकायत नहीं की है।