खुले नाले में युवक की मौत पर FIR के खिलाफ पार्षदों ने किया नगर निगम में प्रदर्शन, अफसरों पर लगाया आरोप

पार्षदों का प्रदर्शन
नगर निगम में प्रदर्शन करते पार्षदगण।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बीते शनिवार को ठाकुरगंज के राधाग्राम इलाके में बारिश के दौरान खुले नाले में गिरकर बहने से एक युवक की मौत हो गई थी। जिस मामले ने तूल पकड़ लिया है। हादसे के बाद नगर निगम ने स्थानीय पार्षद पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज करा दी, जिससे नाराज पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम मुख्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

धरने पर बैठे दर्जनों पार्षदों ने नगर आयुक्त गौरव कुमार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और एफआइआर को राजनीति से प्रेरित बताते हुए तत्काल निरस्त करने की मांग की। पार्षदों का कहना है कि नाले की सफाई, मरम्मत और उसे ढकने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम प्रशासन की है, न कि चुने गए जनप्रतिनिधियों की। वे केवल जनता की शिकायतों को आवाज देते हैं, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने का नतीजा आम जनता को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ता है। एक पार्षद ने कहा जब जिम्मेदार अफसर कार्रवाई नहीं करते, तो पार्षद क्या कर सकते हैं? अब एक निर्दोष युवक की मौत के बाद सारा दोष एक जनप्रतिनिधि पर मढ़ा जा रहा है। यह सरासर अन्याय है।

वहीं प्रदर्शन बढ़ता देख नगर निगम की मेयर सुषमा खर्कवाल मौके पर पहुंचीं और नाराज पार्षदों को बातचीत का आश्वासन देते हुए धरना खत्म करने की अपील की। उन्होंने एफआइआर वापस लिए जाने का भरोसा दिलाया और सभी को वार्ता के लिए अपने कार्यालय ले गईं। हालांकि बैठक के दौरान भी कई पार्षदों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। हालात को काबू में लाने के लिए वरिष्ठ पार्षदों और अधिकारियों ने बीच-बचाव किया।

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बातचीत के बाद भी पार्षदों का रुख सख्त बना रहा और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाया गया, तो वे सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। जनप्रतिनिधियों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और असल जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। मालूम हो कि राधाग्राम इलाके में शनिवार को हुई इस घटना में युवक का शव 28 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बरामद किया गया।

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