आरयू हेल्थ डेस्क।
रचिता की दादी को हमेशा पैरों में गठिया का दर्द रहता था, जिसके कारण उसकी दादी दिन-रात दर्द से कराहती रहती थी। दादी की चीख-पुकार के कारण घर वाले भी परेशान रहने लगे। उनके इलाज के लिए कुछ ना कुछ नया करते रहते थे। लेकिन कोई फायदा नहीं मिलता था।
एक दिन किसी पड़ोस के एक बुजुर्ग महिला ने गठिया के दर्द के लिए रचिता की दादी को एक ड्रिंक पीने को दिया। उस ड्रिंक को पीने से दादी को एक हफ्ते में ही काफी आराम हो गया। तब घरवालों ने उस बुजुर्ग महिला से इस ड्रिंक के बारे में पूछा। बुजुर्ग महिला ने बताया ये कच्चे पपीते का ड्रिंक है, जो गठिया के दर्द का रामबाण इलाज है। गठिया का दर्द जितना भी पुराना हो ये ड्रिंक पीने से जरूर ठीक हो जाता है।
अगर रह-रह कर पैर की उंगलियों, घुटनों और एड़ियों में दर्द होता है तो समझ जाइये कि आपके खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है। जब यूरिक एसिड हाथ-पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जम जाता है तो उसे गठिया की बीमारी कहते हैं। गठिया के दर्द को अनदेखा करने पर उठना बैठना मुश्किल हो जाता है। इस मुश्किल समस्या को कच्चे पपीते का ड्रिंक दूर करने में मदद करता है। गठिया का दर्द अलग-अलग स्तरों पर होता है जैसे कि सूजन, जोड़ों की कठोरता और जोड़ों के आसपास निरंतर दर्द।
इसके सामान्य लक्षण हैं-
हाथ का उपयोग करने में असमर्थता, पैरों में दर्द के कारण चलने में समस्या, हमेशा थकान रहना, बुखार, अनिद्रा मांसपेशियों में दर्द और बदन दर्द, शरीर में जड़ता
शरीर में एसट्रोजन की कमी के कारण गठिया होता है। ये समस्या महिलाओं में अधिक होती है। थइराइड के कारण भी यह बीमारी होती है। त्वचा या खून संबंधित बीमारी होने पर भी हड्डियों के जोड़ों में दर्द पैदा होना शुरू हो जाता है। कई बार शरीर में आयरन और कैल्शियम की अति होने से भी यह समस्या होती है।
पहले 2 लीटर साफ पानी ले कर उबालें। अब एक मध्यम आकार का कच्चा पपीता लें और उसे अच्छी तरह से धो लें। फिर पपीते के अंदर से बीज निकाल कर उन्हें फेंक दें। अब पपीते के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। अब इन पपीते की टुकड़ों को उबलते पानी में डाल कर 5 मिनट तक उबालें। फिर इस उबले पानी में 2 चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालें और थोड़ी देर के लिए उबालें। अब इस पानी को छान लें और ठंडा होने दें।