आरयू ब्यूरो, लखनऊ। धन शोधन मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को जमानत दे दी है। साथ ही अदालत ने कहा कि प्रजापति इस मामले में आठ फरवरी 2021 से जेल में हैं और इसलिए वह पहले ही धन शोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध के लिए निर्धारित सजा का आधा से अधिक समय बिता चुके हैं और इसलिए वह जमानत के हकदार हैं।
न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने प्रजापति की जमानत याचिका पर ये आदेश पारित किया, हालांकि अन्य मामलों के कारण उन्हें जेल में ही रहना होगा। पीठ ने यह भी माना कि जिस मामले के आधार पर प्रजापति के खिलाफ धन शोधन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था, उसमें जांच अब भी पूरी नहीं हुई है और इसलिए अगर जांच के परिणामस्वरूप प्रजापति को क्लीन चिट मिल जाती है।
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धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में साक्ष्य दर्ज करने में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा की जा रही सुनवाई निरर्थक हो जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 जनवरी 2021 को गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज होने के बाद यह मुकदमा दर्ज किया था।