कैंट व लीडा छोड़ एलडीए के दायरे में आएगा पूरा लखनऊ, घर बनाना भी हुआ महंगा, बोर्ड बैठक में इन प्रस्‍तावों को मिली मंजूरी

एलडीए का दायरा
अफसरों के साथ बैठक करतीं रोशन जैकब।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कैंट और लीडा का एरिया छोड़ अब पूरा लखनऊ जनपद लखनऊ विकास प्राधिकरण के परिक्षेत्र में आएगा। इसमें सभी ब्‍लॉक, विकास खंड और नगर पंचायत के क्षेत्र शामिल किये गये हैं। इस सीमा विस्तार से एलडीए का एरिया एक हजार वर्ग किलोमीटर से बढ़कर करीब ढाई हजार वर्ग किलोमीटर हो जाएगा।

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व कमिश्‍नर रोशन जैकब की अध्यक्षता में शुक्रवार को एलडीए में आयोजित बोर्ड बैठक में सीमा विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है। बोर्ड बैठक के बाद इसे योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में भी हरि झंडी मिलने के बाद महायोजना बनाते हुए एलडीए इसे लगभग पूरे लखनऊ पर लागू कर देगा।

इसके अलावा एलडीए ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए प्राधिकरण क्षेत्र में घर समेत अन्‍य भवन बनाना भी काफी महंगा कर दिया है। अब सम्पूर्ण प्राधिकरण विकास क्षेत्र में प्रस्तावित/शमन मानचित्रों पर सुख-सुविधा शुल्क वसूला जाएगा। यह फीस दो सौ रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से एलडीए लेगा। कुछ समय पहले एलडीए में शुरू की गयी सुख सुविधा शुल्‍क नामक यह फीस सिर्फ ग्रीन कॉरिडोर, शहीद पथ व किसान पथ के दोनों तरफ ढाई-ढाई किलोमीटर के दायरे में आने वाले भवनों के नक्‍शे पर ही वसूली जाती थीं, लेकिन बोर्ड बैठक की मंजूरी के बाद अब इसे पूरे लखनऊ पर लागू कर दिय गया है। एलडीए की मानें तो पहले जो लोग इस फीस के दायरे में आ रहे थे उनकी मांग पर ही इसे सम्‍पूर्ण विकास क्षेत्र में लागू किया गया है।

लगातार दूसरे साल बढ़ाया विकास शुल्‍क

महंगाई से जूझ रही जनता पर एक और बोझ डालते हुए एलडीए ने लगातार दूसरे साल नक्‍शे पर लगने वाले विकास शुल्‍क को भी आज 2245 रूपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ाते हुए 2360 रूपये प्रति वर्गमीटर कर दिया है। इससे पहले मई 2023 में एलडीए ने विकास शुल्‍क में करीब दो सौ रुपए प्रति वर्गमीटर की बढ़ोतरी की थीं।

बोर्ड बैठक में सीमा विस्‍तार समेत करीब 40 प्रस्‍ताव पर मुहर लगने के बाद एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने आज एक प्रेसवार्ता कर बताया कि सरोजनीनगर, काकोरी, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, गोसाईंगंज व मोहनलालगंज विकास खंड के बाकी क्षेत्र भी अब एलडीए के दायरे में आएंगे। इसके अलावा महोना, इटौंजा, मलिहाबाद, नगराम, अमेठी, काकोरी, बख्शी का तालाब, मोहनलालगंज, बंथरा एवं गोसाईंगंज नगर पंचायत के साथ ही माल ब्‍लॉक का भी पूरा क्षेत्र अब एलडीए की सीमा में आएगा। कैबिनेट से मंजूरी व नई महायोजना बनने के बाद एलडीए ग्रामीण इलाकों में भी नक्‍शे पास करना समेत अन्‍य कार्रवाई शुरू करेगा।

सहारा से सौ एकड़ जमीन वापस लेकर बनेगा सिटी फॉरेस्‍ट

वीसी ने बताया कि सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड को ग्राम-जियामऊ, ग्राम-उजरियांव व रेलवे लाइन के बीच लाइसेंस के आधार पर 29 साल पहले दी गयी ग्रीन बेल्ट की लगभग 100 एकड़ भूमि को एलडीए वापस लेगा। उपाध्यक्ष के अनुसार सहारा को यह जमीन ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए दी गयी थी, लेकिन सहारा ने उस पर कुछ नहीं किया और वर्तमान में इस जमीन पर अवैध अतिक्रमण के साथ जगह-जगह कूड़ा डम्प हो रहा। बोर्ड बैठक से मंजूरी मिलने के बाद अब एलडीए इस 100 एकड़ जमीन को वापस लेकर यहां सिटी फॉरेस्‍ट (सघन वन) विकसित करेगा। शहर के गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके के पास इतने विशाल भू-भाग में घना वन विकसित होने से शहरवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी।

सात सौ करोड़ से बनेगा लखनऊ आइ

सपा सरकार में लखनऊ आइ की चर्चा के बाद अब एलडीए को एक बार फिर लंदन आइ की तर्ज पर लखनऊ आइ बनाने की याद आई है। आज इसे बोर्ड से पास भी करा लिया गया है। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि रिवर फ्रंट के किनारे लंदन आइ की तर्ज पर लखनऊ आइ का निर्माण कराया जाएगा। पीपीपी मोड पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर सात सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी ऊंचाई लंदन आइ से भी ज्‍यादा 150 मीटर होगी और यह यूपी ही नहीं, देश का एक लोकप्रिय टूरिस्ट स्‍पॉट बनेगा। इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका भी तैयार है, जिसके लिए जल्द ही आरएफपी जारी कर दी जाएगी।

300 से 2000 वर्गमीटर के प्‍लॉट पर अब बहु-आवासीय निर्माण

महायोजना में प्रस्तावित आवासीय क्षेत्र में अब 300 से दो हजार वर्गमीटर के प्‍लॉट पर बहु-आवासीय निर्माण किया जा सकेगा। इस प्रस्‍ताव को भी आज बोर्ड से मंजूरी मिली है। उपाध्‍यक्ष ने बताया अभी तक 300 वर्गमीटर से 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के प्‍लॉट पर बहु आवासीय बिल्डिंग का नक्‍शा नहीं पास होता था, लेकिन नयी व्यवस्था के तहत 12 मीटर या उससे ज्‍यादा चौड़ी सड़क पर स्थित इन प्‍लॉट पर स्टिल्ट पार्किंग के साथ तीन मंजिला आवासीय भवन बनाये जा सकेंगे। इसके लिए वाह्य शुल्क, शेल्टर फीस व अन्य देय शुल्कों के साथ ही प्रत्येक इकाई दर लगभग एक लाख 17 हजार रूपये देना होगा।

फ्लैट चार से दस लाख तक सस्ते

वहीं नहीं बिकने वाले फ्लैटों के लिए एलडीए ने एक बार फिर उनके दाम कम किए हैं। एलडीए ने अपने तीन अपार्टमेंट के कुल 156 फ्लैटों की कीमत में भारी कटौती की है। उपाध्यक्ष ने बताया कि शारदा नगर योजना स्थित रश्मिलोक, अलीगंज योजना स्थित अनुभूति व प्रियदर्शिनी योजना स्थित सृजन अपार्टमेंट के फ्लैटों की कीमत चार लाख रूपये से लेकर दस लाख रूपये तक घटायी गयी हैं। इसके अंतर्गत लोग 20.97 लाख रूपये से लेकर 62.40 लाख रूपये में 48.50 वर्गमीटर से लेकर 138.70 वर्गमीटर क्षेत्रफल के वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके का फ्लैट ले सकेंगे।

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वहीं एलडीए की प्रस्तावित आवासीय योजनाओं का भी आज बोर्ड बैठक में कुछ हद तक रास्‍ता साफ हुआ। इसके तहत सुल्तानपुर रोड पर वेलनेस सिटी, आईटी सिटी व मोहान रोड पर एजुकेशनल सिटी (मोहान रोड योजना) विकसित की जाएगी। ये कालोनियां विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगी। उपाध्यक्ष ने बताया कि इन योजनाओं के लिए जमीन खरीदने के लिए मुआवजे की दरें निर्धारित कर दी गयी हैं और किसानों से समझौते, भू-अधिग्रहण व लैंड पूलिंग के आधार पर जमीन जुटाने का काम किया जाएगा। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गयी है।

किसानों को नहीं देना होगा चबूतरों पर चक्रवृद्धि ब्याज

वहीं बोर्ड बैठक ने किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए उन्‍हें बड़ी राहत दी है। उपाध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा किसानों से अधिग्रहित भूमि के एवज में उन्हें चबूतरे आवंटित किये थे। इनमें से कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक चबूतरे का पूरा पैसा नहीं जमा किया है। ऐसे किसानों से एलडीए बकाये पर चक्रवृद्धि की जगह साधारण ब्‍याज लेगा।

इसके अलावा अभी तक किसानों को लीज पर चबूतरों का आवंटन किया जाता था। अब बोर्ड द्वारा अनुमोदित किये गये प्रस्ताव के अंतर्गत चबूतरों का फ्री-होल्ड भी किया जाएगा।

कानपुर रोड विद्युत उपकेन्द्र के लिए दी जमीन

एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर रोड योजना में बिजली की समस्या को देखते हुएत 33/11 केवी का विद्युत उपकेन्द्र बनाने के लिए विद्युत विभाग को सेक्टर-बी में फीनिक्स मॉल के पास 2434.92 वर्गमीटर जमीन लीज पर दी जाएगी। बोर्ड द्वारा इसके प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गयी है।

इसके अलावा बोर्ड के सदस्यों द्वारा एलडीए की नहीं बिकने वाली आवासीय व व्यावसायिक सम्पत्तियों के निस्तारण के लिए समूहक (एग्रीगेटर) नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है। वीसी ने बताया कि पिछले साल एलडीए ने करीब छह सौ करोड़ रुपए में 1360 फ्लैट बेचे थे, इसके बाद भी करीब 15 सौ फ्लैट बचे हैं जिनको बेचने के लिए एग्रेगेटर नियुक्ति किया जाएगा। यह संपत्तियों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार भी करेगा।

एलडीए में लागू होगी ई-ऑफिस प्रणाली

अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि बोर्ड की मंजूरी के बाद अब एलडीए में 15 जुलाई से ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर दी जाएगी। ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने से समस्त विभागीय कार्य पेपर लेस हो जाएगा। इससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी और विभिन्न पटलों पर लंबित रहने वाली फाइलों का निस्तारण भी समय से होगा। इसके लिए एलडीए के सभी अधिकारियों व संबंधित के डिजिटल साइन समेत अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करा ली गयी हैं।

यह प्रस्‍ताव भी हुए पास-

– जूनियर इंजीनियरों की कमी को देखते हुए एलडीए में 14 सिविल व चार इलेक्ट्रिकल के जेई आउटसोर्सिंग से रखे जाएंगे।

– कुछ महीने पहले अवैध निर्माण रोकने के लिए प्रवर्तन दल में तैनात किए गए दर्जनों सुरक्षाकर्मियों का पैसा अब सीधा उनके बैंक खाते में एलडीए भेजेगा।

– इसके अतिरिक्त अब अविकसित क्षेत्र में देय एफएआर की तर्ज पर प्राधिकरण की विकसित योजनाओं में भी 2.5 एफएआर दिया जाएगा। इससे प्राधिकरण की विकसित योजनाओं में रिक्त पड़े भूखण्डों का निस्तारण किया जा सकेगा।

– विभूति खंड में पार्क की जमीन पर डाइग्‍नोस्टिक सेंटर बनाने को मंजूरी दी गयी है, पार्क कहीं और बनेगा।

– इसके साथ ही टीओडी जोन में स्थित प्राधिकरण की नियोजित/विकसित योजनाओं तथा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा विकसित योजनाओं में टीओडी नीति के प्राविधान लागू किये जाने के लिए प्रभाव क्षेत्र चिन्हित किये जाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।

– वहीं ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण के लिए गोमती नदी के किनारे कैंट सीमा से एक्वाडक्ट तक जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भी बोर्ड से पास हो गया है।

बोर्ड बैठक में कमिश्‍नर व वीसी के अलावा डीएम लखनऊ सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह, एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्‍त नियंत्रक दीपक सिंह, सीटीपी केके गौतम समेत अन्‍य अफसर व बोर्ड मेंबर मौजूद रहें।

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