अब सैटेलाइट इमेज के सहारे अवैध निर्माण व उसके ठेकेदारों पर शिकंजा कसने की कोशिश करेगा LDA, पहले हो चुका कई बार फेल

अवैध निर्माण सैटेलाइट इमेज
सॉफ्टवेयर का प्रेजेन्टेशन देखते वीसी सचिव समेत अन्‍य अफसर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण और उसके आलाधिकारियों की सबसे ज्‍यादा बदनामी कराने वाली अवैध निर्माण की समस्‍या से निपटने के लिए अब एलडीए ने सैटेलाइट इमेज का सहारा लेना की प्‍लॉनिंग की है। इसके जरिए अब लखनऊ में अवैध निर्माण कहां, कब से और कितने क्षेत्रफल में हो रहा है के साथ ही यह भी सटीक तरीके से पता लगाया जा सकेगा कि अवैध निर्माण व अवैध प्‍लाटिंग किन इंजीनियर व अफसरों के भ्रष्‍टाचार का नतीजा हैं।

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बताते चलें कि ऐसे दावे एलडीए के अधिका‍री पहले भी कई बार कर चुके हैं, लेकिन रोकने की जगह अवैध निर्माण कराने का ठेका लेने वाले प्रवर्तन से जुड़े खासकर बहुचर्चित अफसर-इंजीनियरों की पैंतरेबाजी न सिर्फ उनपर भारी पड़ी है, बल्कि गोमतीनगर, महानगर व हजरतगंज जैसे वीवीआइपी इलाकों से लेकर आलमबाग, चौक, ठाकुरगंज, अमीनाबाद व वजीरगंज जैसे क्षेत्रों की तंग गलियों समेत लगभग पूरे लखनऊ में अवैध निर्माण डंके की चोट पर कराया जा रहा।

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अपने कार्यकाल के शुरूआती दिनों से ही अवैध निर्माण रोकने के प्रयास में जुटे एलडीए उपाध्‍यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने अवैध निर्माण-प्लाटिंग की डिजिटल मॉनिटरिंग के लिए अब एक सॉफ्टवयेर व मोबाइल एप तैयार कराया है। सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी के प्रतिनिधि ने शनिवार को एलडीए अधिकारियों के सामने सॉफ्टवेयर व एप का प्रेजेन्टेशन भी दे दिया।

AI के तहत काम करेगा सॉफ्टवेयर

इंद्रमणि त्रिपाठी ने आज बताया कि अब सैटेलाइट इमेज के माध्यम से अवैध निर्माण-प्लाटिंग को चिन्हित किया जाएगा, जिसके लिए एक हाईटेक सॉफ्टवेयर बनवाया है। यह सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) पर काम करेगा और मशीन लर्निंग के जरिए रिमोट सेंसिंग डाटा का विश्लेषण कर सटीक जानकारी बताएगा।

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आसानी से तय होगी अफसर-इंजीनियरों की जवाबदेही

उदाहरण देते हुए इंद्रमणि त्रिपाठी ने आगे बताया कि मसलन अवैध निर्माण कहां और किस लोकेशन पर हो रहा, कितने क्षेत्रफल में हो रहा, निर्माण कब शुरू हुआ आदि के बारे में सटीक जानकारी अब मिल जाएगी। अवैध निर्माण शुरू और पूरा होने की सही जानकारी मिलने से संबंधित प्रवर्तन जोन में तैनात अफसरों व अभियंताओं की जवाबदेही भी आसानी से तय की जा सकेगी।

एप पर अपलोड करनी होगी फोटो-टिप्‍पणी

इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सैटेलाइट इमेज के माध्यम से अवैध निर्माण की जानकारी मिलने पर संबंधित जोन की प्रवर्तन टीम को स्थल निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा और अभियंताओं को कार्यवाही की फोटो व टिप्पणी मोबाइल एप पर अपलोड करनी होगी।

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इसके अलावा अवैध निर्माण के खिलाफ जारी की जाने वाली नोटिस, सीलिंग-ध्वस्तीकरण आदेश की कॉपी व आदेश के अनुपालन में स्थल पर की गयी कार्यवाही का ब्योरा भी एप पर अपलोड किया जाएगा।

मॉनिटरिंग के लिए एलडीए में ही बनेगा कंट्रोल रूम

अवैध निर्माण की मॉनिटरिंग के बारे में वीसी ने बताया कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से अवैध निर्माण-प्लाटिंग की डिजिटल मॉनिटरिंग व लोकेशन ट्रैकिंग के लिए एलडीए कार्यालय में ही कंट्रोल रूम बनेगा। जिसमें कंपनी की तरफ से एक टेक्निकल एक्सपर्ट की तैनाती होगी और उसके सहयोग में प्राधिकरण के कर्मचारियों को भी लगाया जाएगा। साथ ही उपाध्‍यक्ष ने यह भी कहा कि सॉफ्टवेयर व एप का खर्च बैंक के सीएसआर फंड से कराया जा रहा और प्राधिकरण पर इसका कोई बोझ नहीं पड़ेगा।

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सॉफ्टवेयर प्रेजेन्टेशन के दौरान वीसी के अलावा सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, एफसी दीपक सिंह, ओएसडी प्रिया सिंह, ओएसडी देवांश त्रिवेदी, सीटीपी के.के. गौतम व कार्यवाहक चीफ इंजीनियर ए.के. सिंह समेत अन्‍य अफसर मौजूद रहे।

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