आरयू वेब टीम। भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी आशावादी है। पूरी दुनिया में चाहे सामान्य जन हो, अर्थनीति के विशेषज्ञ हो, विभिन्न देश हो या फिर संस्थान इन सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं। कुछ दिन पहले ही विश्व बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में ऐसे ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। कुछ ही दिन पहले जलवायु परिवर्तन पर यूएन की एक संस्था ने भारत को सौर ऊर्जा की सुपरपॉवर कहा था। इस संस्था ने ये भी कहा कि जहां कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे लाकर दिखाता है।
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उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन कर कही। साथ ही पीएम ने उद्योग, स्टार्टअप समेत मध्य प्रदेश सरकार की 18 नीतियों का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही मध्य प्रदेश को निवेश केंद्र बनाएगी। मोदी ने कहा कि विकसित मध्य प्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में आज का ये कार्यक्रम बहुत अहम है। इस भव्य आयोजन के लिए मैं मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मां नर्मदा का भी आशीर्वाद प्राप्त
मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का 5वां सबसे बड़ा राज्य है। ये कृषि के मामले में भारत के टॉप के राज्यों में है, खनीज के हिसाब से भी मध्य प्रदेश देश के टॉप पांच राज्यों में है। मध्य प्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का भी आशीर्वाद प्राप्त है। मध्य प्रदेश में हर वो संभावना है जो इस राज्य को जीडीपी के हिसाब से भी देश के टाॅप पांच राज्यों में ला सकता है। बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश ने परिवर्तन का नया दौर देखा है। एक समय था जब यहां बिजली और पानी की बहुत सारी दिक्कतें थीं। कानून-व्यवस्था की स्थिति तो और भी खराब थी। ऐसी हालत में यहां इंडस्ट्री का विकास बहुत मुश्किल था।
मध्य प्रदेश को मिला बड़ा फायदा
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशक में भारत ने आधारभूत संरचना के विकास में उछाल का दौर देखा है। इसका बहुत बड़ा फायदा मध्य प्रदेश को मिला है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जो देश के दो बड़े शहरों को जोड़ रहा है, उसका बड़ा हिस्सा एमपी से ही होकर गुजर रहा है। यानी एक तरफ एमपी को मुंबई के पोर्ट्स के लिए तेज कनेक्टिविटी मिल रही है और दूसरी तरफ उत्तर भारत के बाजार को भी ये कनेक्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि औद्योगिक विकास के लिए जल सुरक्षा होना कितना जरुरी है। इसके लिए हम एक तरफ जल संरक्षण पर बल दे रहे हैं। दूसरी तरफ हम नदी जोड़ का मिशन लेकर भी आगे बढ़ रहे हैं।