आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री होने के नाते पंडित गोविंद वल्लभ पंत ने प्रदेश के विकास की दिशा निर्धारित करने में अविस्मरणीय भूमिका निभाई। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद उस समय चुनौतियां बहुत थीं, प्रशासन व्यवस्था अस्त-व्यस्त थी। बावजूद इसके उन्होंने यूपी को विकास के अग्रणी पायदान पर पहुंचाने के लिए ठोस और सकारात्मक कदम उठाए।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री रहे भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत की 138वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर कही। गोरखनाथ मंदिर कार्यालय परिसर में पंडित पंत के चित्र पर पुष्पांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पंडित पंत ने उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम उठाए।
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वहीं सीएम योगी ने प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से पंडित गोविंद वल्लभ पंत की जयंती पर उनकी पुण्यतिमयी स्मृतियों को नमन किया और उन्हें भारत मां का सच्चा सपूत करार देते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने इस अवसर पर यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था।
स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी
सीएम ने कहा कि देश की स्वतंत्रता संग्राम में गोविंद वल्लभ पंत ने सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाई। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के स्वतंत्र होने के बाद, तत्कालीन संयुक्त प्रांत और पहले आम चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास और प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गृहमंत्री पद भी संभाला
आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने के बाद, गोविंद वल्लभ पंत ने 1954 में देश के गृहमंत्री के पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस दौरान उन्होंने राजभाषा नीति को आगे बढ़ाया और सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा देश की एकता और अखंडता के लिए किए गए प्रयासों को निरंतर सशक्त किया।