आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आज महंगाई, जीएसटी और पेट्रोल व डीजल के बढ़तें दामों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा हैं। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने मोदी सरकार के जीएसटी की दरों में पुनरीक्षण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण व्यापारियों को एक बार फिर धोखा देने का प्रयास किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- किसानों के लिए रालोद ने किया प्रदर्शन, उठायी चार सूत्रीय मांग
अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि कुछ वस्तुओं की जीएसटी दरें कम करके सरकार झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। वास्तविकता यह है कि आम जनता पेट्रोल और डीजल की मार से त्रस्त है। उसके बाद भी केंद्रीय वित्त मंत्री आम जनता की जेब पर पड़ने वाले भार की ओर ध्यान नहीं दे रहें हैं।
…तो आधी दर पर मिलना चाहिए पेट्रोल व डीजल
वहीं दामों के तुलना करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि अगर 2014 से पहले के कच्चे तेल के भावों को ध्यान में रखकर पेट्रोल और डीजल की कीमत 2018 में निर्धारित की जाए तो वर्तमान कीमतों की आधी दर पर पेट्रोल और डीजल मिलना चाहिए।
योगी सरकार भी विचार करने को नहीं है तैयार
उन्होंने आरोप लगाते ये भी कहा कि सरकार का प्रमुख उद्देश्य आम जनता की जेब ढीली करना है। डीजल के दाम कम न होने से मंहगाई चरम सीमा पर जा रही है। रोज इस्तेमाल होने वाली चीजें भी दिन प्रतिदिन मंहगी होती जा रही हैं, सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं, लेकिन केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार भी इस बात पर विचार करने को तैयार नहीं है।
मजदूर भी दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर
बालू, मौरंग, सीमेंट तथा ईंट आदि बिल्डिंग मटेरियल्स के दाम भी बेतहाश बढतें जा रहें हैं। इसके चले आज मध्यम वर्ग का व्यक्ति भी एक कमरे का निर्माण कराने में खुद को असहाय महसूस कर रहा है। वहीं इससे संबंधित काम नहीं मिलने के चलते मजदूर भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
यह भी पढ़ें- रालोद की योगी को नसीहत, मंच से न कहें ऐसी बात जिससे किसी को पहुंचे ठेस