आरयू वेब टीम।
गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। इस मामले में बनाई गई एसआईटी ने 31 दोषियों को सजा सुनाई, जिसमें 11 को फांसी जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जानकारी के मुताबिक गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को गोधरा ट्रेन आगजनी मामले में सुनवाई करते हुए 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने केंद्र और रेलवे से कहा है कि वो पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा भी दें।
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गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 बोगी में आग लगाई गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादतर लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। वहीं इस कांड के बाद गुजरात में जबरदस्त दंगा हुआ था जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। दंगे में जान गंवाने वालों में एक समुदाय के लोगों की संख्या सर्वाधिक थी।
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वहीं गोधरा कांड में एसआईटी की विशेष अदालत ने एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि 63 को बरी कर दिया था। इस दौरान 11 दोषियों को मौत की सजा जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ दोषी और सरकार दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सरकार ने कहा था कि दोषियों को दी गई सजा कम है, साथ ही जिन लोगों को बरी किया गया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरी ओर सजा पाए लोगों ने भी अपने ऊपर अन्याय होने की बात कही थी।
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