आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर मंगलवार को सुनवाई की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे कराने के आदेश पर लगी रोक 31अगस्त तक बढ़ा दी है। आज मस्जिद की इंतजामिया कमिटी ने बहस की थी। इस मामले में हिंदू पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है, लेकिन यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की बहस आज पूरी नहीं सकी। अब अदालत ने तीन अगस्त की तारीख दी है।
आज की सुनवाई में मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से बहस जारी रही। मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता सैयद फरमान नकवी पक्ष रखा। पिछली सुनवाई में मस्जिद इंतजामिया कमेटी की बहस नहीं पूरी हो पाई थी। इसके बाद यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखा जाना था। मुस्लिम पक्षकारों की बहस खत्म होने के बाद यूपी सरकार अपना पक्ष रखेगी। एएसआई से खुदाई कराकर सर्वेक्षण कराए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बहस होनी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर 31 जुलाई तक रोक लगा रखी थी जो अब बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है।
गौरतलब है कि अधिवक्ता एसएफए नकवी और पुनीत गुप्ता ने बहस की। इस बीच उन्होंने कहा कि अदालत में विचाराधीन सिविल वाद में सीपीसी के आदेश सात नियम 11 के अंतर्गत दाखिल अर्जी पहले तय की जानी चाहिए। इसके बाद ही मामले की सुनवाई की जानी चाहिए। याची का कहना है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत 1947 की स्थिति बहाल रखने के कारण सिविल वाद ग्राह्य ही नहीं है।
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मामले को लेकर याची अधिवक्ता की ओर से मूल वाद संख्या 62 सन 136 भी प्रतिनिधि के रूप में दाखिल किया गया। इसमें कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर मुस्लिम अधिकारों को मान्यता दी है। यह भी कहा गया कि विवादित स्थल वक्फ की संपत्ति है। वक्फ संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी। हालांकि मामले में समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी न हो सकी। इसके बाद मामले में अगली सुनवाई तीन अगस्त को जारी रहेगी।
बता दें कि इस मामले में मस्जिद इंतजामिया कमेटी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से कुल पांच याचिकाएं दाखिल की गई है। फिलहाल मामले में कोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर लगी हुई रोक को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। इसी के साथ इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख भी तय कर दी है।