आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने के विरोध में हड़ताल पर रहें निजी अस्पतालों के डॉक्टर, बिना इलाज लौटे मरीज

एलोपैथ डॉक्टर
लोहिया अस्‍पताल के सामने बंद रही पैथोलॉजी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। एलोपैथ डॉक्टरों ने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसे लेकर देशभर में डॉक्‍टरों ने हड़ताल की। डॉक्टरों का ये रवैया मरीजों के लिए आफत बन गया। वहीं शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी अधिकतर निजी नर्सिग होम, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक व पैथोलॉजी सेंटर बंद रहे। ठंड में इलाज के लिए आए दूर-दराज के मरीजों को वापस जाना पड़ा।

लखनऊ में आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) से जुड़े 1500 डॉक्टर हैं। 750 रजिस्टर्ड हॉस्पिटल हैं। 700 से अधिक पैथोलॉजी, डायग्नोस्टिक सेंटर हैं। वहीं, एलोपैथ क्लीनिक भी हैं। इन पर आमतौर पर रोजाना 50 हजार के लगभग मरीज आते हैं। शुक्रवार को ओपीडी बंद होने से मरीजों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। कोहरे में दूर-दराज से आए लोगों को अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी जांच के लिए भी भटकना पड़ा।

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इतना ही नहीं गर्भवती महिलाओं का रूटीन चेकअप भी बंद रहा, अस्पतालों में आंख, हड्डी, यूरो, न्यूरो, नेफ्रो, जनरल सर्जरी समेत तमाम बीमारियों के ऑपरेशन टले। जिसके बाद अस्‍पताल पहुंचे लोग घंटों के इंजार के बाद वापस घर लौटने के मजबूर रहे।

इस संबंध में आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ. मनोज अस्थाना ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों को पहले आयुर्वेद की तमाम दवाएं लिखने की छूट दी गई। अब सर्जरी का अधिकार दिया जा रहा है। यह मिक्सोपेथी एलोपैथ डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी ठीक नहीं हैं। मरीज भी इलाज को लेकर भ्रमित रहेगा। ऐसे में सरकार फैसले को तुरंत खारिज करे। वहीं आइएमए की स्टूडेंट विंग ने भी विरोध किया। उन्होंने खुद के अधिकारों का हनन बताया।

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