आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में न्याय की लड़ाई लड़ रहे परिजनों को धमकाया जा रहा है। हाई कोर्ट इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए जांच व कार्रवाई के आदेश सरकार को दिए हैं। इस मामले में सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इशारों ही इशारों में योगी सरकार पर निशाना साधा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अपने अंदाज में ट्विट करते हुए कहा कि यूपी के अति दुखद व शर्मनाक हाथरस गैंगरेप के पीड़ित परिवार को न्याय पाने में जिन कठिनाईयों का लगातार सामना है वह जग जाहिर है, किन्तु उस संबंध में जो नए तथ्य अब कोर्ट में उजागर हुए वे पीड़ितों को न्याय दिलाने के मामले में सरकार की कार्यशैली पर पुनः गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं।
यह भी पढ़ें- हाथरस कांड: अब अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने पूछा, आरोपित जेल से कब से लिखने लगे चिट्ठी, कहा ध्यान भटकाने के लिए की जा रहीं तरह-तरह की बातें
वहीं अपने अगले ट्विट में मायावती ने सवाल उठाते हुए आगे कहा, हाथरस कांड में नए तथ्यों का हाई कोर्ट द्वारा संज्ञान लेकर गवाहों को धमकाने आदि की जांच का आदेश देने से यूपी सरकार फिर कठघरे में है व लोग सोचने को मजबूर कि पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा? यह आम धारणा कि यूपी में अपराधियों का राज है व न्याय पाना अति-कठिन, क्या गलत है?
यह भी पढ़ें- भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कि हाथरस कांड के पीड़ित परिवार को “Y” श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग, कहा कंगना से सस्ती नहीं दलित परिवार की जान
उल्लेखीय हैं कि हाथरस में हैवानियत की बलि चढ़ी 19 वर्षीय युवती के भाई की ओर से उच्च न्यायालय में एक अर्जी पेश कर उनके वकील शरद भटनागर ने कहा था कि पांच मार्च को इस मामले में विशेष न्यायाधीश के समक्ष हाथरस में सुनवाई चल रही थी तभी भीड़ और कुछ वकीलों ने आकर अदालत में तमाशा खड़ा किया और पीड़िता के अधिवक्ता को धमकी दी कि वह उनका मुकदमा नहीं लड़ें। अर्जी के मुताबिक बाद में अदालत के आदेश पर पुलिस की सुरक्षा में अधिवक्ता को हाथरस की सीमा तक छुड़वाना पड़ा।