आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अमेठी जिला स्थित संजय गांधी अस्पताल बंद करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को रोक लगा दी। साथ ही मामले की सुनवाई करते हुए अस्पताल को खोलने के आदेश दिए हैं, जिससे अस्पताल संचालन का रास्ता साफ हो गया है। मामले में अमेठी के सीएमओ से सुझाव भी मांगे गए हैं।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश अस्पताल प्रबंधन की ओर से मुख्य संचालन अधिकारी अवधेश शर्मा द्वारा दाखिल याचिका पर दिया। इसमें लाइसेंस निलंबन को चुनौती दी गई थी। याची अस्पताल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप नारायण माथुर ने बताया कि एक महिला की मृत्यु मामले में अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था।
ऐसे में 40 साल से चल रहे अस्पताल का संचालन रुक गया, जिससे दूर-दराज इलाके के लोगों को इलाज की समस्या हो रही थी। अदालत ने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के आदेश के अमल पर रोक लगा दी, हालांकि मामले की जांच चलती रहेगी।
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इस बीच कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने का समय भी दिया है। वहीं अमेठी के सीएमओ को भी कुछ ऐसे सुझाव पेश करने के लिए कहा, जिससे भविष्य में महिला की मृत्यु जैसी घटना न हो।
बता दें कि अमेठी जिले के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में 14 सितंबर, 2023 को राम शाहपुर निवासी एक विवाहिता के पथरी का ऑपरेशन हुआ था। अस्पताल में एनेस्थीसिया देने में लापरवाही बरती गई। जिस वजह से विवाहिता की हालत बिगड़ गई। बाद में उसे लखनऊ ले जाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने तहरीर दी, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई। जांच में लापरवाही मिलने पर अस्पताल के लाइसेंस सस्पेंड कर यहां सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया।