आरयू वेब टीम।
निर्भया गैंपरेप और हत्याकांड में मौत की सजा पाए दो दोषियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। सर्वोच्च न्यायालय इन पर अपना फैसला बाद में सुनाएगा, जबकि अक्षय की ओर से पुनर्विचार याचिका अभी दायर नहीं की गयी है।
मामले में दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी मौत की सजा बरकरार रखने संबंधी मई 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मौत की सजा पाने वाले दोषियों में से पवन और विनय की ओर से पेश दलीलें सुनीं।
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शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार करने और उसकी हत्या के जुर्म में चार दोषियों-मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षम कुमार सिंह को मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था। इन मुजरिमों को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इसकी पुष्टि की थी।
पीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और दो दोषियों के वकील एपी सिंह से कहा कि वे अगले मंगलवार तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें। पीठ ने इससे पहले एक अन्य दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस बर्बरता पूर्ण अपराध में शामिल एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। वहीं मामले में एक अन्य दोषी नाबालिग था जो तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से बाहर आ गया है।
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बता दें कि दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 वर्षीय छात्रा से गैंगरेप करने के बाद उसकी बुरी तरह से पिटाई कर उसे निर्वस्त्र अवस्था में बस से बाहर फेंकने की घटना हुई थी। इस युवती का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
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