तूफान पीड़ितों का हाल जानने योगी पहुंचे अस्‍पताल, डॉक्‍टरों को लगाई फटकार

तूफान पीड़ितों का
पीडि़तों से उनका हाल जानते मुख्‍यमंत्री। (फोटो साभार एएनआइ)

आरयू संवाददाता, 

आगरा। कई जिलों समेत आगरा में आंधी-तूफान की चपेट में आकर लोगों को जानमाल की भारी क्षति पहुंची है। जिसे जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर्नाटक दौरा बीच में ही छोड़कर पीड़ितों का हालचाल लेने के लिए आगरा पहुंचे। उन्‍होंने शनिवार सुबह ही एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मरीजों का हाल जाना।

इस दौरान एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती 21 मरीजों से बारी-बारी मिले और उनके इलाज के विषय में जानकारी ली। वहीं अस्‍पताल में मरीजों को मिली गंदी चादर देख मुख्‍यमंत्री ने कॉलेज प्रशासन को जमकर फटकार भी लगाई। उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि घायलों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्‍त नहीं होगी। मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए निर्देश भी दिए। योगी ने तूफान से प्रभावित लोगों को हर ससंभव मदद देने का अश्‍वासन दिया।

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इसके बाद खेरागढ़ के तूफान पीड़ित गांव बुरहरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवारों का हाल जाना। गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में उन्होंने तूफान पीड़ितों का दर्द सुना। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि खेरागढ़ तहसील क्षेत्र में राजस्व और विद्युत बिलों की वसूली फिलहाल स्थगित की जाए।

वहीं इस दौरान ग्रामीणों ने योगी को पूरे क्षेत्र में पेयजल की समस्या के विषय में बताया। समस्‍या को सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबल नदी के जरिए यहां पर पानी उपलब्ध कराया जाए। योगी ने मृतक सुंदरलाल और ध्रुव के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।

बता दें कि यूपी में आगरा समेत कई जिलों में 73 लोगों की मौत हुई है, जबकि 91 लोग घायल हैं। इस तूफान में सबसे ज्यादा प्रभावित आगरा मंडल ही है। यहां 43 लोगों की जान गई है, जबकि 51 घायल हुए हैं। वहीं इसके बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्राकृतिक आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री के कर्नाटक में चुनाव प्रचार को लेकर सवाल उठाए थे।

इतना ही नहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा था कि सीएम को कर्नाटक का चुनाव प्रचार छोड़कर तुरंत यूपी वापस आना चाहिए था। जनता ने उन्हें अपने प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए चुना है। इन हालातों में भी अगर वो वापस नहीं आते हैं, तो वो हमेशा के लिए कर्नाटक में ही अपना मठ बना लें।

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