मोहम्‍मद साहब के संदेश और उनके दिखाएं रास्‍ते पर चलना हमारी जिम्‍मेदारी: मोदी

अंगदान
(फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 43वें ‘मन की बात’ में ऑस्ट्रेलिया में हुए 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन की चर्चा करते हुए कहा कि हजारों खिलाड़ी के जोश, जज्‍बे, उत्साह, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं से भरे वहां के माहौल को स्मरण किया। हमारे खिलाडियों ने भी देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक-के-बाद एक मेडल जीतते ही चले गए। चाहे शूटिंग हो, रेस्लिंग हो, वेटलिफ्टिंग हो, टेबल टेनिस हो या बैटमिंटन भारत ने रिकॉर्ड प्रदर्शन किया।

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वहीं रमजान पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि कुछ ही दिनों में रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। विश्‍वभर में रमजान का महीना पूरी श्रद्धा और सम्मान से मनाया जाता है। पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके संदेश को याद करने का यह अवसर है। उनके जीवन से समानता और भाईचारे के उनके दिखाए हुए रास्‍ते पर चलना यह हमारी जिम्मेदारी बनती है।

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इतना ही नहीं मोदी ने एक वाक्‍ये का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार एक इंसान ने पैगम्बर साहब से पूछा कि इस्लाम में कौन सा कार्य सबसे अच्छा है? तो उन्‍होंने कहा किसी गरीब और जरूरतमंद को खिलाना और सभी से सदभाव से मिलना, चाहे आप उन्हें जानते हो या न जानते हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ज्ञान और करुणा में विश्‍वास रखते थे। उन्हें किसी बात का अहंकार नहीं था। वह कहते थे कि अहंकार ही ज्ञान को हराता रहता है। पैगम्बर मोहम्मद साहब का मानना था कि यदि आपके पास कोई भी चीज आपकी आवश्यकता से अधिक है तो आप उसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दें, इसीलिए रमजान में दान का भी काफी महत्व है।

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