आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लंबे समय तक चले विवाद के सुलझने के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का शनिवार को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने डिजाइन व आर्किटेक्ट लॉन्च किया। साथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट विभाग के प्रोफेसर एसएम अख्तर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पत्रकारों के सामने इसका मॉडल जारी कर दिया। जिसमें मस्जिद के अंडाकार डिजाइन में कोई गुंबद नहीं हैं। इसके साथ ही मिनार वाली परंपरा से हट कर मस्जिद का डिजाइन तैयार किया गया है। साथ ही अयोध्या में पांच एकड़ बनने वाली मस्जिद के साथ हॉस्पिटल व म्यूजियम का भी डिजाइन जारी किया गया है। अब सोसाइटी इसका नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में लगेगी।
धन्नीपुर में बनने वाली यह मस्जिद दो मंजिला होगी। इसका निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक्शा पास होने और स्वायल टेस्टिंग के हिसाब से मस्जिद के निर्माण की तारीख तय करेगी। विशाल परिसर में मस्जिद के अलावा म्यूज्यिम, एक अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्युनिटी किचन बनाया जाएगा।
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अंडाकार वाली इमारत मस्जिद की है और दूसरी इमारत में बाकी सुविधाओं के लिए जगह दी जाएगी। इसमें कितना खर्च आएगा, यह फिलहाल बताना मुश्किल है। साथ ही मीडिया को जानकारी देते हुए ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। विशाल मस्जिद में सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। वहीं मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से जगह दी जाएगी।
मस्जिद में करीब दो हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे। वहीं मस्जिद में बनने वाले अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था रहेगी। इसको सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का दर्जा दिलाया जाएगा। मस्जिद में ऐसा मेटेरियल इस्तेमाल होगा जिससे इसकी उम्र अधिक समय की हो।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष नौ नवंबर महीने में अयोध्या के मुतनाज़ा (विवादित) रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में राम मंदिर के साथ फैसला सुनाया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार को मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या की सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन अलाट की थी।