आरयू वेब टीम।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर पीएसएलवी सी45 को लांच कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्वदेशी सर्विलांस सैटेलाइट एमसैट के साथ 28 विदेशी नैनो सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा गया। पीएसएलवी-सी45 ने एमिसैट को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। 28 विदेशी उपग्रहों को भी उनकी कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है।
एमिसैट के साथ पीएसएलवी रॉकेट तीसरे पक्ष के 28 उपग्रहों को ले गया है और अपने तीन अलग-अलग कक्षों में नई प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी करेगा। इनमें भारत का एक सैटेलाइट एमिसेट, 24 अमेरिका के, दो लिथुआनिया के और एक-एक सैटेलाइट स्पेन और स्विट्जरलैंड के हैं।
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पहली बार इसरो का मिशन एक साथ तीन कक्षाओं के लिए भेजा किया गया। भेजे जा रहे उपग्रहों में एमिसेट का वजन 436 किलोग्राम और बाकी 28 उपग्रहों का कुल वजन 220 किलोग्राम है। इसरो के अनुसार, रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्ष में स्थापित करेगा। इसके बाद यह 28 उपग्रहों को 504 किमी की ऊंचाई पर उनके कक्ष में स्थापित करेगा। इसके बाद रॉकेट को 485 किमी तक नीचे लाया जाएगा जब चौथा चरण/इंजन तीन प्रायोगिक भार ले जाने वाले पेलोड के प्लेटफॉर्म में बदल जाएगा।
जानें इसकी खासियत-
एमिसैट इसरो और डीआरडीओ के द्वारा बनाया गया उपग्रह है, जिसका उद्देश्य दुश्मनों पर नजर रखना है।
सरहद पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर्स पर निगरानी रखने में सहायता मिलेगी।
दुश्मन के इलाकों का सटीक इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में सहायता यानी यदि कोई हमारे खिलाफ साजिश रच रहा होगा, तो उस पर भारत की नजर रहेगी।
सीमाओं पर मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सही जानकारी देगा।
मोबाइल और संचार उपकरणों के जरिए होने वाली बातचीत को डिकोड करेगा।
हमारे देश में ऐसा पहली बार ही हुआ जब इसरो ने आम लोगों के लिए इस लॉन्च को खोला, आज करीब 1000 लोगों ने इस नजारे को लाइव देखा। इसके लिए इसरो ने एक स्टेडियम की तरह मंच तैयार किया था, जहां पर लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।
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#PLSV C45 took off today from Satish Dhawan Space Center and placed #Indian EMISAT and 28 foreign satellites in orbit@isro pic.twitter.com/gz6AN59517
— PIB India (@PIB_India) April 1, 2019