आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही तंज कसते हुए पूछा कि जब सांसदों को निलंबित ही करना था तो अधिक क्षमता वाली ‘बड़ी संसद’ क्यों बनवाई?
सपा मुखिया ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा जनता पूछ रही है जब सांसदों को निलंबित ही करना था तो फिर अधिक क्षमता वाली ‘बड़ी संसद’ के नाम पर नई संसद बनवाई ही क्यों? इससे अच्छा तो भाजपा सरकार पुरानी संसद में ही दो-तीन लोगों के लिए एक नया कमरा बनवा लेती।
अखिलेश ने तर्क देते हुए आज कहा कि इस सरकार में न तो किसी को सवाल पूछने दिया जाता है न कोई चर्चा करने दी जाती है और जो भी फैसले होते हैं वो भी कुछ लोग ही करते हैं। अगर भाजपा सरकार जनता के प्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकती है तो फिर जनता समझ ले अगला नंबर जनता का ही है।
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गौरतलब है कि संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में लगातार पांचवें दिन हंगामा हुआ। इसके बाद लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। लोकसभा में अब तक 95 सांसद सस्पेंड हुए हैं, जबकि राज्यसभा में 46 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं। इस तरह कुल मिलाकर 141 सांसद सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। लोकसभा की प्रश्नसूची से 27 सवाल भी हटा दिए गए हैं। ये सवाल निलंबित सांसदों की तरफ से पूछे गए थे।
बता दें कि नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में किया था। संसद में लोकसभा और राज्यसभा के 12 सौ से अधिक सांसद बैठ सकते हैं। संसद भवन में सभी सांसदों और उनके स्टाफ के लिए बड़े ऑफिस बनाए गए हैं। ये ऑफिस हाईटेक सुविधाओं से लैस है। लोकसभा में 888 सीटें और राज्यसभा में 384 सीटें हैं।