आरयू वेब टीम। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर से जनता को संबोधित कर अपना चुनाव चिन्ह ‘झाड़ू’ दिखाया। साथ ही कहा कि यह झाड़ू केवल आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं है, बल्कि यह झाड़ू आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाड़ू का बटन दबाता है तब अपनी अपनी आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। झाड़ू का बटन दबाता है तो वह मन में यह सोचता है कि मैं ईमानदारी का बटन दबा रहा हूं। मतदाता चुनाव के समय झाड़ू का बटन दबाते समय यह सोचता है कि मैं एक ईमानदार सरकार बनाने के लिए बटन दबा रहा हूं।
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साथ ही कहा कि यदि आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो हमें वोट देना। यदि आपको लगता है कि केजरीवाल बेईमान है तो मुझे कतई वोट मत देना। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा, “नेताओं को ऐसे आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं नेता नहीं हूं, मुझे फर्क पड़ता है। मुझे जब ये भाजपा वाले चोर, भ्रष्टाचारी कहते हैं, मुझे जब ये गाली देते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है।
अपना घर तक नहीं
पूर्व सीएम ने कहा कि आज मेरी आत्मा पीड़ित है। मैं अंदर से बहुत दुखी हूं और इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत, केवल ईमानदारी कमाई है। मेरे पास कोई पैसा नहीं है। आज मेरे पास दिल्ली में रहने के लिए अपना एक घर तक नहीं है।”
केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार के कामों को देखते हुए केंद्र सरकार को लगा कि यदि इनसे जीतना है तो इन्हें बदनाम कर दो। इसके लिए षड्यंत्र रचा गया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पूरी आम आदमी पार्टी को बेईमान साबित करो। इसके लिए हमें जेल में डाल दिया गया।
सीएम की कुर्सी का लोभ नहीं
केजरीवाल ने आगे कहा कि मैंने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दे दिया। आपके मन में यह चल रहा होगा कि जेल से बाहर आने के बाद मैंने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं ये सब करने के लिए नहीं आया था। मैं भ्रष्टाचार करने के लिए नहीं आया था। मुझे सत्ता या सीएम की कुर्सी का लोभ नहीं है। मैं पैसे कमाने नहीं आया। हम देश के लिए आए थे, भारत में माता के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने के लिए आए थे।