आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विपक्ष के लगातार दबाव के केंद्र सरकार के जाति जनगणना की घोषणा के साथ ही इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा के अलावा कांग्रेस, सपा व बसपा समेत तमाम दलों जाति जनगणना का श्रेय लेना चाहते हैं। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों ले लिया है। साथ ही कहा कि दोनों ही पार्टी में इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़ है, जबकि इनके बहुजन विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित और वंचित है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से एक के बाद एक कई पोस्टकर भाजपा-कांग्रेस और सपा को निशाने पर लिया। मायावती ने कहा कि काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केंद्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़, जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित।
साथ ही बसपा सुप्रिमो ने कहा कि वैसे भी कांग्रेस एवं भाजपा आदि की अगर नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति पाक-साफ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता, जिससे इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर का ’आत्म-सम्मान व स्वाभिमान’ का मिशन सफल होता हुआ जरूर दिखता।
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एक अन्य पोस्ट में मायावती ने कहा कि बाबा साहब व बीएसपी के अनवरत संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरुक है, तो दलितों की तरह ओबीसी वोटों के लिए ललायित इन पार्टियों में इनका हितैषी दिखने का स्वार्थ व मजबूरी है, अर्थात् स्पष्ट है कि ओबीसी का हित बीएसपी में ही निहित है, अन्यत्र नहीं।
वहीं विरोधियों को निशाने पर लेते हुए बसपा मुखिया ने कहा कि ’वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा’ के मानवतावादी संघर्ष को सही व सार्थक बनाकर अपने पैरों पर खड़े होने का समय करीब है, जिसके लिए कोताही व लापरवाही घातक तथा भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों पर दलित, ओबीसी समेत बहुजन-हित, कल्याण व उत्थान हेतु भरोसा करना ठीक नहीं है।