आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार के जाति जनगणना की घोषणा के बाद गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रतिक्रिया दी है। साथ ही कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जाति जनगणना की मांग की थी और इसके लिए पूरे देश में आंदोलन किया था और अब वे खुश हैं कि उन्होंने जो चाहा था वह हासिल कर लिया है। इस दौरान खड़गे ने केंद्र सरकार से जाति जनगणना के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने और समय सीमा तय करने की मांग की है।
खड़गे ने कहा, “मैंने दो साल पहले जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने पर एक पत्र लिखा था। तब वे सहमत नहीं हुए, लेकिन अब सरकार ने जनगणना के साथ जातिगत गणना कराने का निर्णय लिया है। यह अच्छी बात है और हम पूरा सहयोग करेंगे। साथ ही कहा कि भाजपा को जवाहरलाल नेहरू पर अनावश्यक रूप से टिप्पणी नहीं करनी चाहिए कि वह इसके विरोध में थे आदि-आदि।”
वहीं मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जन्म से ही आरक्षण के खिलाफ हैं और ऐसे लोग कांग्रेस पर जाति जनगणना के पक्ष में नहीं होने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “अगर हम जाति जनगणना के खिलाफ होते तो क्या मैंने दो साल पहले पत्र लिखा होता या फिर हम इसके लिए कई आंदोलन किए होते? वे लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश करते हैं और यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि केवल वे ही देश का कल्याण चाहते हैं। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए वे हमेशा ऐसी चीजें करते हैं।”
इस दौरान खड़गे ने सरकार से घोषणा को पूरा करने का आग्रह करते हुए कहा कि आज तक सरकार ने इसके लिए पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया है। उन्होंने प्रश्न किया कि बिना धन के सर्वेक्षण कैसे किया जा सकता है? “उन्हें समय-सीमा भी बतानी चाहिए। अगर समय-सीमा नहीं होगी, तो इसमें बहुत समय लगेगा। इसलिए मेरा सुझाव है कि उन्हें इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए और दो-तीन महीने के भीतर या सरकार ने जो भी समय-सीमा तय की है और जितनी जल्दी हो सके उन्हें सर्वेक्षण करवाना चाहिए।”
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जाति गणना की घोषणा आगामी बिहार चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है। साथ ही कहा कि “मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता। जो भी अच्छा है मैं उसका स्वागत करता हूं और जो भी बुरा है मैं उसका विरोध करता हूं, क्योंकि आखिरकार देश महत्वपूर्ण है, लोग महत्वपूर्ण हैं। चूंकि लोग जाति जनगणना चाहते थे, हमने इसकी मांग को लेकर आंदोलन किया। सभी विपक्षी दलों ने इसके लिए दबाव डाला और आंदोलन किया और राहुल गांधी इसमें आगे रहे। हमने यह हासिल कर लिया है और हम खुश हैं।”