आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कानपुर में शुक्रवार को भड़की हिंसा मामले में एसटीएफ ने बवाल के मास्टरमाइंड को लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। देर शाम तक पुलिस आरोपित जफर हाशमी से पूछताछ में जुटी थी। जफर पर आरोप है कि उसने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन की अपील की थी। जफर पर कानपुर में पोस्टर लगावाने का भी आरोप है।
दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जफर हयात हाशमी का नाम सबसे पहले रखा गया है। हाशमी की गिरफ्तारी के बाद परिवार के लोगों ने दावा किया है कि जफर हयात को फंसाया जा रहा। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपित जफर हयात हाशमी की गिरफ्तारी के मामले को लेकर परिवार के लोगों का कहना है कि वे हमें मिल नहीं रहे हैं। हमने काफी खोजा है।
जफर हयात की पत्नी का दावा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए बंद को वापस लिया गया था। जुमे की नमाज के बाद जफर हयात घर वापस आ गए थे। उस दौरान कोई हिंसा की वारदात नहीं हो रही थी। अपराह्न तीन बजे अचानक हिंसा की खबर सामने आई। हयात की पत्नी ने दावा किया कि 14 से 16 साल के बच्चे पत्थर फेंक रहे थे। ऐसा गुस्सा हमने पहले कभी नहीं देखा था। वह अपने पति की इस हिंसा की वारदात में शामिल नहीं होने का दावा कर रही हैं।
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वहीं जफर हयात की बहन ने भी कहा कि उनके भाई ने पहले ही बंद को वापस ले लिया था। इसके बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। उन्होंने अपने भाई की गिरफ्तारी के बारे में भी कोई जानकारी पुलिस की ओर से नहीं दिए जाने की बात कही। जफर हयात की बहन कायनात ने कहा कि मेरे भाई को फंसाया जा रहा है। शहर में वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए बंद को वापस लिए जाने के बाद हिंसा कैसे भड़की, इसका पता लगाने में पुलिस-प्रशासन नाकाम रही है। इसलिए मेरे भाई को फंसाया जा रहा है।