आरयू वेब टीम। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में “गंभीर संवैधानिक संकट” पैदा हो गया है क्योंकि अधिकारी कह रहे हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कथित “धमकी और दबाव” के कारण काम नहीं करेंगे। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि यह समस्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से उत्पन्न हुई है और वास्तविक अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
केंद्र में एक अलग पार्टी की सरकार है और ”पार्टी नहीं चाहती है कि चुनी हुई सरकार (दिल्ली की) अपना काम करे।” सीएम ने आज यह भी कहा कि पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना में कुछ अधिकारियों द्वारा ”बाधा” डाली जा रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव के कारण अधिकारियों को पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना को रोकने की धमकी दी जा रही है। भाजपा के लोग दिल्ली वालों से नफरत करते हैं यहां के लोग बीमार पड़ते हैं तो उन्हें खुशी होती है।
साबित होता है भाजपा ने चुनाव में धांधली की थी
चंडीगढ़ चुनाव को लेकर भी केजरीवाल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि कल बीजेपी के मेयर ने इस्तीफा दे दिया। इससे साबित होता है कि भाजपा ने चुनाव में धांधली की थी, उन्होंने गलत तरीके से अपना मेयर बनाया था। चुनाव जीत ना पाएं तो ये खरीद फरोख्त करते हैं। ऐसे कैसे जनतंत्र चलेगा
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केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों की काम करने की अनिच्छा के कारण दिल्ली में “गंभीर संवैधानिक संकट” पैदा हो गया है। उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से योजना की मंजूरी के लिए अधिकारियों को बुलाने की अपील की और कहा कि इस ‘अच्छी योजना’ से 10.5 लाख परिवारों को फायदा होगा।