आरयू वेब टीम। भारत चीन की सीमा पर जो तनाव चल रहा है भारत ये चाहता है कि तनाव खत्म हो,शांति स्थापित हो है, लेकिन कभी-कभी नापाक हरकत होती रहती है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हमारे सेना के जवान किसी भी सूरत में अपने भारत की एक इंच भी जमीन किसी दूसरे के हाथों में जाने नहीं देंगे।
उक्त बातें रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरा के मौके पर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक अहम सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा कर कही। राजनाथ ने कहा, मैं आप सबको यह भी बताना चाहता हूं कि बीआरओ द्वारा सिक्किम के अधिकांश सीमावर्ती सड़कों का डबल लेन में अपग्रेडेशन किया जा रहा है। इसमें से ईस्ट सिक्किम में 65 किलोमीटर सड़क निर्माण-कार्य प्रगति पर है, तथा 55 किलोमीटर सड़क निर्माण योजना के तहत है।
उन्होंने कहा, नॉर्थ सिक्किम में भारत माला परियोजना के अन्तर्गत ‘मंगन-चुगथांग-यूमेसेमडोंग’ और ‘चुगंथांग-लाचेन-जीमा-मुगुथांग-नाकुला’ तक 225 किलोमीटर डबल लेन सड़क का निर्माण कार्य नियोजित है। ये कार्य 9 पैकेजों में नियोजित किए गए हैं, जिनकी अनुमानित लागत 5710 करोड़ रुपये है।
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इस सैन्य केंद्र पर सिक्किम सेक्टर में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा की जिम्मेदारी है। जब रक्षा मंत्री भारतीय सेना की 33 कोर के सुकना स्थित मुख्यालय में पूजा के दौरा सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे तथा सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री को सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ऊंचाई वाले सीमावर्ती इलाके शेरथांग में पूजा करने का कार्यक्रम था, लेकिन वह खराब मौसम की वजह से वहां नहीं जा सके। रणनीतिक तौर पर अहम सैन्य अड्डे पर सिंह ने ऐसे समय शस्त्र पूजा की है जब भारत और चीन के बीच बीते पांच महीने से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध चल रहा है।
गतिरोध का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत तनाव को खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए समर्पित हैं और वे देश की भूमि का एक इंच भी किसी को लेने नहीं देंगे।