जिंदगी की कमाई लगा महिला ने खरीदा LDA का फ्लैट निकला घटिया, 19 साल से प्‍लॉट पर कब्‍जे के लिए भटक रहा आवंटी, लगाई जनता अदालत में गुहार

जनता अदालत
जनता अदालत में फरियादियों की समस्‍याएं सुनते अफसर।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में आशियाना बनाने का सपना सजाने वाले एक दंपत्ति को लखनऊ विकास प्राधिकरण का फ्लैट खरीदने पर धोखा मिला है। भरणी अपार्टमेंट में जीवनभर की कमाई से खरीदे गए इस फ्लैट की निर्माण क्‍वालिटी घटिया निकलने पर आज एक महिला और आवंटन के बाद अपने प्‍लॉट पर कब्‍जे के लिए भटक रहे एक अन्‍य आवंटी समेत तमाम लोगों ने एलडीए की जनता अदालत में गुहार लगाई है।

कानपुर रोड योजना के भरणी अपार्टमेंट की आवंटी शिखा अरोड़ा ने अफसरों के सामने गुहार लगाते हुए बताया कि वह एक मध्‍यम वर्गीय परिवार से है। उन्‍होंने अपने व पति की जीवनभर की कमाई इकट्ठा करने के साथ लोन लेकर एलडीए का 70 लाख का थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है, लेकिन वहां जाने पर पता चला कि फ्लैट का निर्माण बेहद घटिया ढ़ग से किया गया है। फ्लैट में सीलन होने के साथ ही सभी दरवाजों की चौखट टूटी हुई है, इसके साथ ही फर्श की टाइल्‍स में जगह-जगह से पोली होने की आवाज आ रही। इतना ही नहीं फ्लैट की रंगाई से लेकर इलेक्ट्रिक और हार्डवेयर के सामान भी घटिया किस्‍म का लगाया गया है। शिखा ने बताया इसकी शिकायत उन्‍होंने कार्यदायी संस्‍था के कर्मी से की तो उसने भी फ्लैट ठीक कराने से मना कर दिया। आवंटी की शिकायत पर जनता अदालत में मौजूद अधिकारियों ने फ्लैट ठीक कराने का आश्‍वासन दिया।

12 साल बाद दिया प्‍लॉट वो भी गलत जगह

वहीं आशियाना निवासी आशीष कुमार ने जनता अदालत में एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार को बताया कि साल 2006 में उन्‍हें मानसरोवर योजना का एलडीए ने प्‍लॉट नंबर ई-4/71 आवंटिया किया था, लेकिन सारी किश्‍त जमा करने के बाद भी उसकी रजिस्‍ट्री यह कहते हुए नहीं की गयी कि इस प्‍लॉट पर विवाद चल रहा। काफी प्रयास पर उन्‍हें 12 साल बाद साल 2018 में प्‍लॉट नंबर ई-4/71 की जगह बिना जांच पड़ताल किए ही उन्‍हें भूखंड नंबर ई-4/572 सामायोजित किया गया, लेकिन यहां रजिस्‍ट्री होने के बाद भी आज तक कब्‍जा नहीं दिया गया, बाद में बताया गया कि यहां सेना से विवाद चल रहा। इन परिस्थितियों वह पूरी तरह परेशान हो चुके हैं लिहाजा उन्‍हें किसी अन्‍य योजना में प्‍लॉट आवंटित किया जाए। आवंटी की गुहार पर प्रथमेश कुमार ने 15 दिन के अंदर आशीष की समस्‍या का निवारण करने का निर्देश मातहतों को दिया है।

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बुलडोजर चलवाने वाले सील तोड़ने पर भी क्‍यों मेहरबान?

वहीं तकरोही निवासी आशा चौहान ने वीसी से एक अवैध निर्माण की शिकायत करते हुए पूछा कि कार्रवाई के नाम पर कहीं भी तत्‍काल बुलडोजर चलवा देने वाला एलडीए अवैध निर्माण की सील तोड़ने वालों पर क्‍यों मेहरबान है। आशा चौहान ने प्रार्थना पत्र देते हुए प्रथमेश कुमार को बताया कि तकरोही स्थित उनके पुश्‍तैनी आवास पर कुछ लोगों ने जबरन तीन मंजिला अवैध निर्माण कर लिया है, उनकी शिकायत पर अवैध निर्माण सील किया गया, लेकिन बाद में सील तोड़कर कमरों में किराएदार बसा दिए गए। मामला संज्ञान में आने पर उन्‍होंने इसकी शिकायत जोन पांच के जोनल अधिकारी माधवेश कुमार से भी की, लेकिन एलडीए की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। शिकायत पर अब वीसी ने खुद माधवेश कुमार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

जेई ने बिना सूचना गिरा दी किसान की बाउंड्रीवॉल, बिल्‍डर की छोड़ी

वहीं आज अर्जुनगंज निवासी विनोद कुमार ने प्राधिकरण की जनता अदालत में एलडीए की ही कार्रवाई को कटघरे में खड़ा कर दिया। विनोद कुमार ने अफसरों को बताया कि मोहनलालगंज के कासिमपुर में उनका खेत है। उनके खेत के ही पीछे एक बिल्‍डर ने प्‍लॉटिंग की है। रास्‍ते को लेकर जिससे उनका कई बार विवाद हो चुका था। बीते मई महीने जेई विपिन बिहारी राय अन्‍य लोगों के साथ पहुंचे और बिना किसी सूचना के ही जबरन उनके खेत की बाउंड्रीवाल गिरवा दी, जबकि बिल्‍डर की प्‍लॉटिंग को जेई ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इसकी शिकायत वह पहले भी एलडीए में कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई करने व उनके खेत के नुकसान की क्षतिपूर्ति कराने की जगह बस आश्‍वासन की घुट्टी पिला रहे हैं।

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नये बिल्डिंग बायलॉज के तहत शमन मानचित्र भी होगा पास

वहीं आज अवैध निर्माणकर्ताओं ने भी जनता अदालत में अपनी परेशानी एलडीए वीसी को सुनाई। जिसपर गंभीरता दिखाते हुए वीसी ने निर्देश जारी किया है कि नये बिल्डिंग बायलॉज के तहत प्राधिकरण शमन मानचित्र भी पास करेगा। इसका फायदा नए के साथ ही पुराने अवैध निर्माणकर्ता भी उठाकर अपने निर्माण को वैध करा सकेंगे।

इसपर वीसी ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने प्रदेश के लिए मॉडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा मॉडल जोनिंग रेग्युलेशन-2025 पारित किया है। इसके तहत भवन निर्माण के लिए भू-आच्छादन क्षेत्रफल व एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) का दायरा बढ़ाते हुए काफी रियात दी गयी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नयी नियमावली के तहत नये भवनों के मानचित्र के साथ पूर्व में कराये जा चुके निर्माण कार्यों का शमन मानचित्र भी स्वीकृत किया जाएगा। जनता के हित में जरूरी है कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए।

अफसरों के टारगेट से अवैध हो जाएंगे वैध, एलडीए भी होगा मालामाल

कार्रवाई के लिए प्रथमेश कुमार ने जोनल अधिकारियों को शमन मानचित्र जमा कराने का टारगेट भी दिया है। जिसके तहत जोन-1 को 200, जोन-2 को 220, जोन-3 को 75, जोन-4 को 100, जोन-5 को 200, जोन-6 को 75 तथा जोन-7 को 100 शमन मानचित्र जमा कराने होंगे। जोनल अफसर अगर टारगेट पूरा करने में सफल हो जाते हैं तो अवैध‍ निर्माणकर्ताओं के निर्माण वैध हो जाएंगे, बल्कि लखनऊ विकास प्राधिकरण को भी बिना कुछ खर्च किए ही अरबों रुपये की सीधी आमदनी होने की संभावना है।

प्राधिकरण का दावा 62 में 15 मामले दिए निपटा

अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा के मुताबिक आज जनता अदालत में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार व सचिव विवेक श्रीवास्तव ने लोगों की समस्याओें को विस्तारपूर्वक सुना। इस दौरान रजिस्ट्री, नामांतरण, मानचित्र, अवैध निर्माण आदि से संबंधित कुल 62 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 15 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष प्रकरणों में समय-सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।

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