एलडीए में प्रापर्टी का म्‍यूटेशन कराना हुआ आसान, फाइल लटकाने वाले अफसर-कर्मियों पर उपाध्‍यक्ष करेंगे कड़ी कार्रवाई

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में अपनी प्रापर्टी का म्‍यूटेशन कराने के लिए अब आपको अफसर-कर्मियों के सामने मिन्‍नतें नहीं करनी होंगी। व्‍यवस्‍था में गड़बड़ी पाए जाने पर एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने इसमें सोमवार को बदलाव करते हुए न सिर्फ इसे आसान बनाया है, बल्कि समय सीमा निर्धारित करते हुए अधिकारी व बाबूओं की जिम्‍मेदारी भी तय कर दी है। आज इसका आदेश जारी करने के साथ ही वीसी ने फाइल लटकाकर आवंटियों का शोषण करने वाले अफसर व बाबू पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।

वहीं नई व्‍यवस्‍था के तहत अब प्रापर्टी अनुभाग ऑनलाइन जमा होने वाली म्‍यूटेशन फीस का खुद ही सत्‍यापन करते हुए कार्यवाही आगे बढ़ा सकेगा। साथ ही नामांतरण सर्टिफिकेट जारी होते ही प्राधिकरण के पोर्टल पर इसकी सूचना भी अपडेट की जाएगी।

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एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण की योजनाओं में आवासीय व व्यावसायिक प्रापर्टी लेने वाले आवंटी व उनके परिजन नामांतरण के आवेदन करते हैं। जनहित गारंटी अधिनियम के तहत नामांतरण की कार्यवाही 60 दिन में पूरी होनी चाहिए, लेकिन कुछ जटिल प्रक्रियाओं के चलते कार्यवाही में ज्यादा समय लगता है और कुछ प्रकरण तो एक साल से भी अधिक समय से लंबित हैं।

बीते शनिवार को उपाध्यक्ष ने लंबित फाइलों के निस्तारण के लिए आयोजित कराये गये ‘सिंगल टेबल क्लीयरेंड डे’ पर ऐसे कुछ प्रकरण सामने आये। इस पर वीसी ने नामांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए एसओपी जारी की है।

सेम डे आवेदन मूव करेंगे अफसर-बाबू

नई व्‍यवस्‍था के अनुसार अब म्‍यूटेशन के ऑनलाइन आवेदन मिलने पर नोडल अफसर उसी दिन प्रभारी अधिकारी संपत्ति को कार्यवाही के लिए आगे बढ़ाएंगे। जिसे प्रभारी अधिकारी भी परीक्षण के लिए संबंधित बाबू को सेम डे या अगले दिन भेजेंगे।

इसके बाद योजना सहायक आवेदन प्रपत्र का फाइल से मिलान कराएगा तथा जरूरत पड़ने पर खुद ही स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट फाइल पर अंकित करेगा। साथ ही सभी देयकों को स्थापित करते हुए सूचना के साथ अपनी स्पष्ट संस्तुति प्रभारी संपत्ति अधिकारी स्तर-1 को भेजी जाएगी। यह समस्त कार्यवाही सात दिन के अंदर पूरी होगी।

योजना सहायक की संस्तुति से सहमत होने पर प्रभारी अधिकारी नामांतरण फीस या प्रकाशन शुल्क जमा कराने के लिए आवंटी को उसी दिन ऑनलाइन सूचना भेजेंगे।

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बताते चलें कि अब तक आवेदक के ऑनलाइन फीस जमा करने पर सं‍पत्ति  अनुभाग द्वारा जमा धनराशि के सत्यापन के लिए फाइल लेखा अनुभाग भेजी जाती है। इससे अनावश्यक रूप से फाइल का मूवमेंट बढ़ता है, जिससे कार्यवाही में देर होती थीं।

वहीं अब म्‍यूटेशन होने के बाद फाइल लेखा अनुभाग को सत्यापन के लिए भेजी जाएगी। इसमें गड़बड़ी मिलने पर नामांतरण को निरस्त करते हुए आवंटी से नामांतरण फीस ब्याज सहित जमा कराई जाएगी।

सर्टिफिकेट जारी होते ही पोर्टल पर सूचना होगी अपडेट

अगर नामांतरण उत्तराधिकार के फलस्वरूप हो रहा है तो जनसंपर्क अनुभाग  समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित कराकर पांच दिन के अंदर इसकी कॉपी संबंधित योजना सहायक को ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा।

विज्ञप्ति प्रकाशन की तय अवधि पूरी होने पर योजना सहायक तीन दिन के अंदर अपनी संस्तुति प्रभारी अधिकारी को आवेदन मंजूर या कैंसिल करने के लिए भेजेगा।

वहीं प्रभारी संपत्ति अधिकारी, स्तर-2 द्वारा एक कार्य दिवस में आवेदन को ऑनलाइन मंजूा या निरस्त किया जाएगा। मंजूरी की हालत में म्यूटेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर फाइल में लगाया जाएगा। इसी के साथ प्राधिकरण के पोर्टल पर भी नामांतरण की सूचना दर्ज हो जाएगी।

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