आरयू वेब टीम। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा है कि पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल बनाए गए। जो ‘गलत और अन्यायपूर्ण’ हैं। इन्हें हटाने का कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गडकरी ने गुरजीत औजला, दीपक बैज और कुंवर दानिश अली के पूरक प्रश्नों के उत्तर में ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा है कि शहरों के भीतर से पहले बनाए गए टोल को एक साल में हटा दिए जाएंगे। इस तरह के टोल में ‘चोरियां’ बहुत होती थीं। उन्होंने कहा कि अब गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा और इसके बाद शहर के अंदर इस तरह के टोल की जरूरत नहीं होगी। गडकरी ने कहा, ‘‘इस तरह के टोल को शहरों के अंदर से हटाने का काम एक साल में पूरा हो जाएगा।’’
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एक अन्य सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘‘90 फीसदी जमीन अधिग्रहण किए बिना हम परियोजना आवंटित नहीं करते। जमीन का अधिग्रहण करने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाती है।’’ गडकरी ने दीपक बैज के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रायपुर से विशाखापट्नम के बीच ग्रीन हाईवे को मंजूरी दी गई है। काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि, करीब डेढ़ साल में काम पूरा होने की संभावना है और इससे कई राज्यों के लोगों को फायदा होगा।
वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन ने आज लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वाहन परिमार्जन नीति की घोषणा की है। इस पॉलिसी के तहत पर्सनल व्हीकल्स को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सभी वाहन निर्माताओं को एक एडवाइजरी जारी की गई है कि नए वाहन बेचते समय स्क्रैपे पॉलिसी के सर्टिफिकेट देने वाले वाहन मालिकों को पांच प्रतिशत की छूट दी जाए।