आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाने वाले लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के प्रमुख को महिलाओं का तस्कर बताया था। जिसके बाद बागेश्वर धाम समिति के सदस्य धीरेंद्र कुमार गौर की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई है।
धीरेंद्र गौर ने प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बमीठा थाने में धारा 353(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कराया है, जिसमें कहा गया है कि प्रोफेसर की टिप्पणी से हिंदू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और धार्मिक सौहार्द बिगड़ा है। बाबा बागेश्वर ने कहा है कि हम हिंदुओं को एकजुट करने में जुटे हुए जात- पात की विदाई करके रहेंगे। विरोधी कितने भी षड्यंत्र कर लें, हम नहीं रुकने वाले।
दरअसल प्रोफेसर रविकांत ने 31 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में दावा किया था कि धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी में शामिल हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई और जांच के बाद सही पाए जाने पर धीरेंद्र शास्त्री को फांसी देने की मांग की। प्रोफेसर रविकांत ने अपनी पोस्ट में 28 जुलाई की रात मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पकड़ी गई एक एंबुलेंस का जिक्र किया, जिसमें 13 महिलाओं को कथित तौर पर जबरन ले जाया जा रहा था।
यह भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले पर टिप्पणी केस में लखनऊ विश्वद्यालय की प्रोफेसर माद्री काकोटी को मिली अग्रिम जमानत
साथ ही कहा, “धर्म की आड़ में महिला तस्करी हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री इस गंभीर अपराध में शामिल है।” रविकांत ने मीडिया से कहा, “मैंने जो बातें पोस्ट में लिखी हैं, उस पर कायम हूं. वीडियो में सब कुछ है, और वीडियो की सत्यता की जांच के बाद ही मैंने फांसी की मांग की है।”एक दूसरी पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री के ऊपर निशाना साधा। प्रोफेसर ने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री नॉन बायोलॉजिकल पीएम मोदी का घोषित ‘छोटा भाई’ है”।