ममता बनर्जी का आरोप, SIR के लिए भाजपा समर्थक अफसरों को बंगाल भेज रहा चुनाव आयोग

ममता बनर्जी
रैली में बोलतीं ममता बनर्जी।

आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘‘खतरनाक’’ बताया और चेतावनी दी। ममता बनर्जी ने कहा कि यदि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान एक भी योग्य मतदाता का नाम लिस्ट से हटाया गया तो वह धरना देंगी। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए भाजपा से जुड़े अफसरों को तैनात कर रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में स्थिति पर नजर रखने के लिए दिल्ली से भाजपा समर्थित कुछ लोगों को भेजा जा रहा है। वे एसआइआर की सुनवाई के दौरान जिला मजिस्ट्रेटों के काम की निगरानी कर रहे हैं।’’

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वहीं मुख्यमंत्री बनर्जी ने कोलकाता में हाल ही में हुए कार्यक्रम में फूड वेंडर्स पर हमले की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश नहीं है और ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने फूड वेंडर्स को मारा। हमने कल रात सभी को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल नदिया जिले के कृष्णानगर में एक रैली में अमित शाह पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश का गृह मंत्री खतरनाक है। उनकी आंखों में यह साफ दिखता है। एक आंख में ‘दुर्योधन’ दिखता है, और दूसरी में ‘दु:शासन’।’’

राजनीतिक हथियार के रूप में SIR का इस्तेमाल 

साथ ही सीएम ने आरोप लगाया कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एसआइआर का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक भी योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो मैं धरना दूंगी। पश्चिम बंगाल में कोई निरुद्ध केंद्र नहीं बनेगा। वे वोटों के इतने भूखे हैं कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले एसआइआर करा रहे हैं।’’ ममता ने कहा कि उन्होंने खुद अभी तक अपना गणना प्रपत्र नहीं भरा है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘क्या अब मुझे दंगाइयों की पार्टी को अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत है?’’

बंगालियों को बांग्लादेशी करार दे…

वहीं केंद्र सरकार पर बंगालियों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए सीएम ममता ने कहा, ‘‘हमारे पास एक (केंद्रीय) गृह मंत्री हैं जो सभी बंगालियों को बांग्लादेशी करार देकर उन्हें निरुद्ध केंद्रों में भेजने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हम किसी को भी पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं निकालने देंगे। अगर किसी को जबरन निकाला जाता है तो उसे वापस लाने का तरीका हम बखूबी जानते हैं।’’

भाजपा तय नहीं कर सकती शाकाहारी या मांसाहारी भोजन

इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि कौन शाकाहारी या मांसाहारी भोजन करेगा, यह भाजपा तय नहीं कर सकती, यह व्यक्तिगत चुनाव है। उन्होंने कोलकाता में हाल ही में हुए विशाल गीता पाठ को लेकर कहा कि हम सब गीता पढ़ते हैं, इसके लिए किसी सभा की जरूरत क्या है। उन्होंने भाजपा पर राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की संस्कृति लाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा मैं सांप्रदायिक बंटवारे में भरोसा नहीं करती। मैं सभी धर्मों के साथ चलना चाहती हूं। सिर्फ गीता पढ़ने के लिए सार्वजनिक सभा करने की क्या जरूरत है, जो लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं या अल्लाह से आशीर्वाद मांगते हैं, वह अपने दिल में करते हैं।

…न कि विभाजित करना

मुख्यमंत्री ने उन लोगों पर भी तंज कसा जो राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक ग्रंथों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, मैं उनसे पूछना चाहती हूं जो ‘गीता, गीता’ का जाप कर रहे हैं, श्री कृष्ण ने धर्म के बारे में क्या कहा? धर्म का मतलब है पालन करना, न कि विभाजित करना।

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