आरयू वेब टीम।
अमित शाह के रोड शो के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के मामले राजनीति बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने रैली और सभाओं द्वारा चुनाव प्रचार पर आज रात दस बजे से रोक लगा दी है, जिसे तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी का दबाव बताया है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस मामले पर समर्थन करने के लिए बाकी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया है।
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि ‘मायावती, अखिलेश यादव, कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू और बाकी सभी लोगों को हमारा और बंगाल के लोगों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद। साथ ही यह भी कहा कि बीजेपी के दबाव में चुनाव आयोग ने जो पक्षपाती फैसला किया है वह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।’
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गौरतलब है कि बंगाल में बैन लगाने के चुनाव आयोग के कदम पर बसपा प्रमुख मायावती ने आज भाजपा व चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘बंगाल में पीएम मोदी की दो रैलियां हैं, प्रचार पर सुबह से क्यों नहीं बैन लगाया गया। चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।
वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है। पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है।
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जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ममता का समर्थन करते हुए ट्वीट कर कहा सुशासन का ढोंग करने वालों का सच सामने आ गया है। भाजपाइयों ने बंगाल के अंदर जिस प्रकार उपद्रव व हिंसा को प्रायोजित किया है, उससे साबित हो गया है कि हार के डर से वो अराजकता के सहारे अपनी हताशा निकाल रहे हैं। बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगने से भी उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला।
यहां बताते चलें कि भारत के चुनावी इतिहास में इस तरह की पहली कार्रवाई में चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नौ लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार गुरुवार को रात 10 बजे समाप्त करने का आदेश दिया है। निर्धारित समयानुसार प्रचार एक दिन बाद शुक्रवार शाम को समाप्त होना था। आयोग ने मंगलवार को कोलकाता में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह फैसला किया है।