आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा पर चुनाव आयोग की हालिया कार्रवाई पर अब राजनीति गर्मा गयी है। आयोग ने राज्य में गुरुवार रात 10 बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है। आयोग के इस फैसले को लेकर विपक्ष भड़क उठा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर ममता बनर्जी को टारगेट करने आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा है कि लोकसभा चुनाव के घोषित होने के बाद से पश्चिम बंगाल में बिगड़े हालात के लिए भाजपा और आरएसएस के लोग ही जिम्मेदार हैं। वहीं मायावती ने आयोग के फैसले को भी अन्यायपूर्ण और खतरनाक बताते हुए चुनाव आयोग पर सवाल भी उठाएं हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज मीडिया से बात करते हुए बीजेपी को आड़े हाथों लेने के साथ ही चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले चुनाव प्रचार पर रोक लगाना गलत है और अगर रोक लगानी ही थी तो उसे कल से ही लागू कर देना चाहिए था। केंद्र की सरकार के दबाव में आकर चुनाव आयोग ने बंगाल में एक दिन पहले प्रचार पर रोक लगा दी है वो भी पीएम मोदी की आज होने वाली दो रैलियों के बाद। इसकी हमारी पार्टी कड़ेे शब्दों में निंदा करती है।
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साथ ही बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि यदि चुनाव आयोग के इस फैसले से यह बात साफ है कि इस बार का चुनाव फ्री एंड फेयर नहीं हो पाया। हमारे लोकतंत्र को भारी आघात पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को काफी लंबे समय से टारगेट किया जा रहा है, भाजपा की कोशिश बंगाल के मुद्दे को गर्माने की रही है, जिससे सरकार की नाकामियों से लोगों का ध्यान हटे, लेकिन यूपी के तरह बंगाल की जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भी भाजपा और आरएसएस के लोगों ने बंगाल जैसी स्थिति पैदा करने की पूरी-पूरी कोशिश की थी, लेकिन हमारे गंठबंधन ने इनके मंसूबों पर अभी तक पानी फेरा है और आखिरी चरण के वोट पड़ने तक भी हम उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। हमें अपने गंठबंधन पर पूरा-पूरा भरोसा है।